धनु, मकर, कन्या और वृष राशि वालों पर ग्रहण का होगा सीधा असर, इनके लिए शुभफलदायी है चंद्र ग्रहण
सियासत से जुड़े लोग भी नतमस्तक
आज भी नगर के आध्यात्म केंद्र शिक्षा से लेकर राजनीतिक जगत में शक्ति का संचार कर रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर श्याम देवाचार्य, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, गिरीशानंद महाराज, राघवदेवाचार्य और चैतन्यानंद महाराज के आगे दलगत राजनीति से परे देशभर के सियासी परिवार नतमस्तक हैं।
हर काल में ज्ञान का दीप जलाया – गोलकीमठ विश्वविद्यालय
जिस दौर में तक्षशिला-नालंदा विश्वविद्यालय दुनियाभर में शिक्षा की अलख जगा रहे थे, उसी काल में नर्मदा तट भेड़ाघाट में स्थित गोलकीमठ विश्वविद्यालय भी शिक्षा का बड़ा केंद्र था। देशभर के विषय विषारद यहां संस्कृत, गणित, तंत्र साधना की शिक्षा देते थे। इतिहासकारों के अनुसार गोलकीमठ विश्वविद्यालय के अवशेष के रूप में चौंसठयोगिनी मंदिर आज भी स्थित है।
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गोंडवाना राज्य में भी शिक्षा का केंद्र
इतिहासकारों के अनुसार विदेशी आक्रांताओं ने नर्मदा के तट पर बसे शहर की समृद्धि का मूल कारण शिक्षा को देखते हुए गोलकीमठ विश्वविद्यालय समेत शिक्षा के अन्य केंद्रों को बड़ा नुकसान पहुंचाया। ऐसे में रानी दुर्गावती ने देशभर से अलग-अलग विद्वानों को यहां लाकर अपने शासनकाल गोंडवाना राज्य में शिक्षा के केंद्रों को पुनर्जीवित किया।
गुरुदेव को नमन करेंगे शिष्य
आत्यात्मिक शक्ति निरंतर शिष्यों में शक्ति का संचार करते आ रही है तो दुनियाभर में स्थित उनके अनुयायी गुरु व आचार्यजनों को नमन करने की परम्परा कायम रखे हुए हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नरसिंह मंदिर, गीताधाम, समन्वय सेवा केंद्र, साकेतधाम, बगलामुखी मंदिर, स्नेह नगर मंदिर समेत अन्य आध्यमिक केंद्रों में शिष्य व अनुयायी अपने गुरुजनों को नमन करेंगे।