ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस नहीं ले सकेंगे निजी स्कूल
हाईकोर्ट की रोक बरकरार, अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को
HC said, private schools will not be take fees other than tuition fees
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य के निजी स्कूलों को छात्रों-अभिभावकों से कोरोना काल व लॉकडाउन के पूर्व नियत की गई ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस वसूली पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है। जस्टिस संजय यादव व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि महामारी के इस दौर में सभी पक्षों को कुछ न कुछ समझौता करना आवश्यक है। यदि सभी पक्ष अगली सुनवाई तक कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं दे पाते हैं तो कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को नियत की गई।
ये है मामला
निजी स्कूलों में फीस की मनमानी को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपाण्डे, रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि इंदौर हाईकोर्ट और जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निजी स्कूलो द्वारा फीस वसूली को लेकर दो अलग-अलग आदेश दिए हैं। इसके चलते विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जबकि कुछ स्कूल सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि प्रदेश भर में निजी स्कूल ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई संचालित कर रहे हैं। लेकिन भारी भरकम ट्यूशन फीस का स्ट्रक्चर तैयार कर अभिभावकों को लूटा जा रहा है। अधिवक्ता उपाध्याय ने तर्क दिया कि ऑनलाइन क्लासेस से छात्र-छात्राओं की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आंखों और दिमाग पर अतिरिक्त जोर पडऩे से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अधिवक्ता अमित सिंह व अतुल जैन ने तर्क दिया कि भौतिक क्लास की अनुमति पर ऑनलाइन क्लास संचालन अवैध और गलत है।
निजी स्कूल एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि निजी स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस नहीं वसूली। बुधवार को कोर्ट ने सभी पक्षों को समझौते की आवश्यकता बताई। सभी के आग्रह पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई।
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