जबलपुर हाईकोर्ट : महज 31 प्रतिशत ही हुई भौतिक सुनवाई, 153 दिनों के बाद तीसरी बार फिर बंद
जबलपुर•Jan 21, 2022 / 08:12 pm•
shyam bihari
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जबलपुर। कोरोना के चलते मप्र हाईकोर्ट जबलपुर की कार्रवाई पर खासा असर पड़ा है। तीसरी लहर की वजह से एक बार फिर 10 जनवरी से हाईकोर्ट में भौतिक सुनवाई बंद हो गई और कोर्ट वर्चुअल मोड पर आ गई। बीते दो सालों में यह तीसरा मौका है, जब भौतिक सुनवाई बंद की गई और कोर्ट का पूरा कामकाज वर्चुअल हो रहा है। इस दौरान हाईकोर्ट ने 69 फीसदी कार्य दिवस वर्चुअली काम किया, जबकि महज 31 फीसदी दिन ही भौतिक सुनवाई हो सकी। इस वजह से बड़ी संख्या में लम्बित व अहम मामलों की सुनवाई प्रभावित हुई।
17 मार्च 2020 को पहली बार बंद हुई थी
जबलपुर में कोविड लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही 17 मार्च, 2020 से हाईकोर्ट व जिला अदालतों में भौतिक सुनवाई बंद कर दी गई थी। इसके स्थान पर वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिये महत्वपूर्ण प्रकृति के सीमित सुनवाई की व्यवस्था दी गई थी। कोविड का प्रकोप कम होने पर हाईकोर्ट में सीमित भौतिक सुनवाई का प्रयोग भी किया गया। हाईकोर्ट में भौतिक के साथ-साथ ऑनलाइन फाइलिंग की व्यवस्था रखी गई थी। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर एवं इंदौर व ग्वालियर खंडपीठों में पूरे 335 दिनों बाद 15 फरवरी 2021 से भौतिक सुनवाई आरम्भ की गई थी। 11 माह बन्द रहने के बाद मप्र हाइकोर्ट में बमुश्किल भौतिक सुनवाई आरम्भ हुई, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते महज 52 दिनों बाद ही 7 अप्रेल को फिर बन्द करनी पड़ गई।
120 दिन बाद फिर लौटी रौनक
पूरे 120 दिन बाद 9 अगस्त 2021 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के परिसर में पुरानी रौनक लौट आयी। हाइकोर्ट की तीनों बेंचों में भौतिक सुनवाई शुरू हो गई। इस दौरान केवल उन्ही वकीलों को कोर्ट रूम के अंदर प्रवेश दिया गया, जिनके मामलों में सुनवाई होनी थी। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर के गेट नम्बर तीन को वकीलों के प्रवेश के लिए खोल दिया गया। अगस्त से कोर्ट लगातार भौतिक सुनवाई करती रही। लेकिन नए साल में कोरोना संक्रमण की रफ्तार फिर तेज होते ही कोर्ट में कर्मियों, अधिकारियों का संक्रमित होना शुरू हो गया। इसे देखते हुए 153 दिनों बाद फिर एक बार भौतिक सुनवाई बंद कर कोर्ट वर्चुअल मोड में आ गई।
ज्यादा अंतर नहीं
वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था के तहत सुने जा रहे मामलों की संख्या में भौतिक सुनवाई की तुलना में अधिक फर्क नही नजर आ रहा है। मुख्यपीठ जबलपुर में प्रतिदिन लगभग 800-1000 मामलों की ऑनलाइन सुनवाई की जा रही है। यह आंकड़ा हाइकोर्ट में प्रतिदिन औसतन सुने जाने वाले मामलों की संख्या के लगभग बराबर है।
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