जबलपुर

दोपहिया वाहनों पर क्यों सख्ती से लागू नहीं हेलमेट का नियम, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूछा सरकार से सवाल

दोपहिया वाहनों पर क्यों सख्ती से लागू नहीं हेलमेट का नियम, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूछा सरकार से सवाल

जबलपुरSep 24, 2022 / 05:55 pm

Faiz

दोपहिया वाहनों पर क्यों सख्ती से लागू नहीं हेलमेट का नियम, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूछा सरकार से सवाल

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने दो पहिया वाहनों द्वारा हेलमेट का नियम सख्ती से पालन न कराए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है कि, आखिर हेलमेट की अनिवार्यता का सख्ती से पालन क्यों नहीं हो रहा है। कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। आपको बता दें कि, याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने गृह विभाग और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिवों को हलफनामा पेश करने के निर्देश जारी किए हैं। जान लें कि, मामले की अगली हेयरिंग 4 हफ्ते बाद होगी।

वाहन के साथ एजेंसी बेचे हेलमेट

ग्वालियर की विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य ने साल 2021 में ग्वालियर बेंच को एक जनहित याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस ने इस याचिका को ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कर दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से ग्वालियर के अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर का कहना है कि, मोटर व्हीकल एक्ट और रूल्स में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है। उनका कहा है कि, परिवहन विभाग ने एक परिपत्र जारी करते हुए कहा था कि, जिस कंपनी से वाहन खरीदा जाए, वहीं उन्हें हेलमेट भी बेचे। इसका शुल्क वाहन शुल्क की रिसीव में सम्मिलित कर सकते हैं।

 

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कोर्ट की नाराजगी

याचिका के तहत कोर्ट को बताया गया कि, प्रदेश में इसपर सिर्फ कागजों पर नियम तो बना दिए हैं, लेकिन प्रारूप देना उचित नहीं समझा जा रहा। यानी धरातल पर नियमों का कहीं पालन दिखाई नहीं दे रहा।मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए ओपन कोर्ट में कहा कि, सरकार क्या कर रही है? चीफ जस्टिस ने आगे ये भी कहा कि, आम जनता से कानून का पालन सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार इसे हल्के में क्यों ले रही है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने हलफनामा पेश करने के निर्देश भी दिए।


नियम बने, लेकिन नहीं हो रहा पालन

इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने 2019 में विस्तृत आदेश दिए थे। साथ ही, इंदौर पीठ ने भी हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई कि, नियम तो बने हैं, आदेश भी जारी किए गए, लेकिन धरातल पर उसका पालन होते नहीं दिखाई दे रहा है। हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ए.एम खान विलकर ने अपने आदेश कहा था कि, दोपहिया-वाहन चालकों के सिर पर हर हाल में हेलमेट होना चाहिए।

 

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