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जबलपुर

हल्दी चढऩे के बाद हो रही है यहां दूल्हों की मौत, दहशत में है पूरा शहर

आखिर क्या है इसके पीछे का राज

जबलपुरMay 17, 2019 / 07:17 pm

virendra rajak

Here's the death of the dulha, the whole city is in panic

Here’s the death of the dulha, the whole city is in panic

जबलपुर, हल्दी चढऩे के बाद दुल्हा घोड़ी चढ़ता है, लेकिन इस शहर में दुल्हे को हल्दी चढऩे के बाद अर्थी पर रखना पड़ रहा है। कभी बारात निकलने के पहले मौत दुल्हे का दामन थाम रही है, तो कहीं दुल्हन की विदाई के बाद दुल्हे की मौत हो गई। बात यहीं खत्म नहीं होती, एक जगह तो बेटी की विदाई के बाद मौत ने नई नवेली दुल्हन के पिता को ही चुन लिया। लगातार हो रही इन घटनाओं से पूरा शहर दहशत में है, आखिर क्यों घट रही है दुल्हों के साथ यह घटना
शहर में पिछले दिनों एक के बाद एक एेसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने पूरे शहर को हिलाकर रखा। कोई इसे कुदरत का प्रकोप बोल रहा है, तो कोई होनी। लेकिन आखिर क्यों हो रहा है दुल्हों के साथ एेसा। क्यों दुल्हे आत्महत्या कर रहे हैं एकाध मामला हो तो समझ में भी आए, लेकिन यह घटनाएं तो समझ से परे हैं, आइए बताते हैं मौत के आगोश में जा चुके इन दुल्हों की दास्तां

शादी से एक दिन पहले इंजीनियर दूल्हे ने फंदे से लटक कर की आत्महत्या

ग्वारीघाट टीआइ प्रीति तिवारी ने बताया कि पोलीपाथर निवासी बसंत प्रसाद नगाइच ने शनिवार सुबह सूचना दी कि उसके बड़े बेटे नितिन (31) ने आत्महत्या कर ली। बताया कि रविवार को उसकी शादी थी। शुक्रवार रात तीन बजे तक परिजन और रिश्तेदारों के साथ वह भी जग रहा था। घर में नमकीन-मिठाइयां बन रही थी। इसके बाद वह छत पर बने कमरे में सोने चला गया। शनिवार सुबह सात बजे तक नितिन नहीं जागा तो उसकी बुआ उसे उठाने के लिए छत पर गई। कई बार आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। उसने कमरे की खिडक़ी से झांक कर देखा तो नितिन पंखे पर साड़ी के फंदे से लटका हुआ था। बुआ की चीख सुनकर परिवार के अन्य लोग कमरे में पहुंचे। दरवाजा तोडकऱ वे कमरे में पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।मां का रो-रो कर बुरा हालबेटे नितिन की लाश से लिपट कर मां सीमा को विलाप करते देख सभी की आंखें नम हो गईं। जिस घर में शुक्रवार को मंडप लगा था, बेटे का हल्दी कार्यक्रम हुआ था, उसी आंगन से शनिवार को उसकी अर्थी निकली। पिता बसंत प्रसाद, नितिन के भाइयों और परिजन का भी बुरा हाल था।

शादी के छः दिन बाद दूल्हे ने दी जान

रामपुर चौकी अंतर्गत विजय नगर रामपुर छापर में शादी के छह दिन बाद मंगलवार को फंदे से झूलने वाले प्रीतम (28) की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। मंगलवार को प्रीतम का शव उसके कमरे में फंदे से लटकती हुई मिली थी। पिता प्रकाश सिंह ठाकुर ने पुलिस को बताया था कि उसका बेटा अक्सर तनाव में रहता था। उसके सिर में छह वर्ष पहले चोट आने से खून का थक्का जम गया था। जिसके बाद से वह चिड़चिड़ाने लगा था। बेलखेड़ा से मायके वालों के साथ आयी पत्नी ने सौतेली सास और छोटे देवर पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए। कहा कि मंगलवार को पति प्रीतम ने फोन कर रोते हुए पूरी बात बतायी थी। उनके पीठ और सिर पर चोट के निशान साफ दिख रहे थे। प्रीतम का अंतिम संस्कार इंदौर से आए उसके बड़े भाई पंकज ठाकुर ने किया। उसे भी शादी के बारे में नहीं बताया गया था। रामपुर की पुलिस ने पत्नी के बयान दर्ज करते हुए मामला जांच में लिया है।जानकारी के अनुसार प्रीतम की सात मई को बेलखेड़ा निवासी रीमा उर्फ कंचन ठाकुर से शादी हुई थी। आठ को विदा होकर रीमा ससुराल पहुंची थी। नौ को उनका रिसेप्शन हुआ था। रीमा के मुताबिक उसकी सौतेली सास आशा ठाकुर ने दस को ही किचन में ताला लगा दिया था। उसे भी कम दहेज को लेकर ताना मार रहे थे। वह विदा होकर मायके पहुंची। मंगलवार को उसके पति प्रीतम का फोन आया तो वह रो रहे थे। बताया कि सौतेली मां व छोटे भाई दीपेंद्र उर्फ दीपू ठाकुर ने मारपीट की और खाना तक नहीं दिया। रोते हुए मोबाइल बंद हो गया। रीमा के भाई सुरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि उसके जीजा ने आत्महत्या नहीं की है।

बेटी की विदाई कर फंदे से झूल गया पिता

कुंडम थानांतर्गत बंदरिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी। बेटी को विदा करने के चंद घंटे बाद पिता घर से कुछ दूरी पर जाकर पेड़ में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। परिजन और रिश्तेदार उसे ढूढ़ते हुए मौके पर पहुंचे तो सन्न रह गए। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।पुलिस के अनुसार राजकुमार सूर्यवंशी ने बताया कि बहनोई बद्री प्रसाद चौधरी (45) पिछले 20 वर्षों से सपरिवार ससुराल में ही रह रहे थे। सोमवार को बेटी की शादी थी। सुबह दस बजे विदाई करने के बाद वह दोपहर 12.30 बजे बिना किसी को बताए निकल गए। काफी देर तक वह नहीं दिखे तो तलाश करते हुए गांव के पास शांतिधाम पहुंचा। वहां कुआ के पास छिवला के पेड़ से बद्री प्रसाद गमछे के फंदे से लटके हुए थे। देखा तो उनकी मौत हो चुकी थी। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी।पिता की मौत की खबर सुनकर लौटी बेटीजिस पिता ने लाड-प्यार से शादी कर विदा किया था। उसकी मौत की खबर सुनते ही बेटी सहित उसके घरवाले भी अवाक रह गए। बिना रश्म निभाए बेटी को लेकर वे पिता के पास लाए। बेटी का विलाप देख लोगों की आंखें भी नम हो गयी। घरवालों को भी समझ में नहीं आ रहा कि बद्री प्रसाद ने आत्महत्या क्यों की।

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