जबलपुर। अभी तक छात्र-छात्राओं के लिए ही हॉस्टल की सुविधा होती थी लेकिन अब किसानों के लिए भी हॉस्टल होगा। यहां किसान रुक सकेंगे तो वहीं किसानों से जुड़े बड़े आयोजन, फार्मर ट्रेनिंग आदि जैसे विभिन्न तरह के प्रोग्राम आयोजित किए जा सकेंगे। दरअसल यह अनोखी पहल नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय ने की है। प्रदेश का पहला फार्मर हॉस्टल का निर्माण किया गया है जिसमें सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके निर्माण में करीब 3.6 करोड़ की राशि खर्च की गई है। इसके बनने से महाकोशल ही नहीं अपितु शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, रीवा, महू, दमोह, सागर, पन्ना आदि जिलों से भी किसानों से भी किसानों को बुलाया जा सकेगा।
मल्टी मीडिया तकनीक होगी उपलब्ध
फार्मर हॉस्टल में आधुनिक मल्टी मीडिया तकनीक को उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि यहां आने वाले किसानों को चल रहे अनुसंधान कार्यों, प्रयोगों को लाइव डिमांस्ट्रेशन दिया जा सके। इसके लिए बड़ा प्रोजेक्टर सिस्टम लगाने के साथ ही एक्जीबीशन रूम आदि का भी प्रावधान किया जा रहा है। अभी तक इस तरह की व्यवस्था प्रदेश में कहीं भी नहीं है।
बाहर से आ सकेंगे किसान
कई बार राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं चाहे वह पशुपालन, फिशरी से जुड़े हो या फिर नई तकनीकों के प्रजेंटेंशन से। रहने की सुविधा के अभाव में कई बार बाहर से किसानों अथवा गेस्ट को बुला पाना संभव नहीं हो पाता था। वहीं कई बार बाहर से ट्रेनिंग के लिए आने वाले किसानों को देर शाम होने के कारण रिश्तेंदारों अथवा होटल में रुकना पड़ता था।
फार्मर हॉस्टल की लंबे समय से दरकार थी जिसके लिए प्रयास किए जा रहे थे। निर्माण लगभग पूरा हो गया है सुविधाओं को फाइनल टच देना बाकी है। इससे बाहर से आने वाले किसानों को विभिन्न ट्रेनिंग के दौरान अब रुकने की सुविधा होगी।
प्रोफेसर डॉ. सीताप्रसाद तिवारी, कुलपति वीयू