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जबलपुर

Water harvesting system- हाय रे अफसरशाही! पानी की कदर न जानी

जबलपुर में अरबों लीटर अमृत समान अमूल्य पानी मिट्टी-धूप में मिल गया

जबलपुरOct 06, 2019 / 08:03 pm

shyam bihari

Water harvesting

Water harvesting

इतना पानी बेकार बहा
-2.50 लाख घर नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज
-1 हजार वर्ग फीट की क्षत से बचाया जा सकता है 1 लाख लीटर पानी (सीजन में)
-25 अरब लीटर तक बचाया जा सकता है पानी
यह है स्थिति
-800 शासकीय स्कूल भवन
-250 निजी स्कूल भवन
-15 शासकीय कॉलेज भवन
-06 विश्वविद्यालय भवन
-60 निजी कॉलेज भवन
-90 से ज्यादा प्रमुख शासकीय कार्यालय भवन परिसर

स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय व सरकारी भवन
-1290 कुल भवन
-10 हजार वर्गफीट औसतन छत का क्षेत्रफल
-01 अरब 21 लाख 90 हजार लीटर पानी व्यर्थ बह गया
जबलपुर। इस बार जबलपुर में भी खूब बारिश हुई। बादल उम्मीद से ज्यादा बरसे। लेकिन, पानी रूपी अमृत को लेकर प्रशासनिक तंत्र की बेकद्री फिर भारी पड़ी। वर्षा जल संचय को लेकर विशेषज्ञों की ओर से की जाने वाली गणना के फार्मूले के अनुसार मौजूदा बारिश सीजन में जबलपुर शहर में 26 अरब 21 लाख लीटर से ज्यादा पानी बेकार बह गया है। सिर्फ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित कर लिया जाता, तो यह पानी भू गर्भ में पहुंचाया जा सकता था।
मचता है हाहाकार
नगर के मानेगांव, मोहनिया, करमेता, रिछाई समेत कई और इलाक ों में भू जल हर साल रसातल में समाता जा रहा है। मार्च का महीना शुरू होने के साथ ही जल संकट की आहट होने लगती है। एक-एक बाल्टी पानी के लिए हाहाकार मचती है। इसके बावजूद निगम प्रशासन ने इस बार बरसात का पानी भूगर्भ में पहुंचाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए। हर साल की तरह इस बार भी वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर ज्यादातर समय सभा, गोष्ठी होती रही। वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जब पहल हुई तब तक काफी देर हो चुकी थी। उम्मीद की जा रही है की वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर निगम प्रशासन की ओर से इस सीजन में किए गए प्रयास अगली बरसात के लिए कारगर साबित होंगे।
भूगर्भीय जल का नगर निगम कर रहा जमकर दोहन
-2 हजार से ज्यादा हैंडपंप 79 वार्ड में
-700 टयूबवेल संचालित
-08 हाईडेंट से जलापूर्ति
-36 टैंकर 8 से 10 फे रे लगा रहे हैं रोज
-4500 लीटर का है प्रत्येक टैंकर
जीभरकर निकालते हैं
130 के लगभग होटल, रेस्टोरेंट, लॉन, बारातघर में गहरे बोरवेल
-225 से ज्यादा टाउनशिप में हैं गहरे बोरवेल
-10 से ज्यादा बोरवेल कं पनी शहर में कार्यरत
-05 के लगभग औसतन रोज नए बोरवेल हो रहे हैं नगर में
-120 बोरवेल महीने पर खोदे जाते हैं गर्मी के सीजन में नए
-16 से 18 मंजिल के भवनों के लिए खोदे जा रहे हैं गहरे बोरवेल
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