सिहोरा निवासी भारतीय किसान यूनियन के सुनील जैन व मझोली के संतोष राय की ओर से यह जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि केंद्र व राज्य सरकार के नियमों के तहत धान की फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती है। यह खरीदी मार्कफेड ( मप्र स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ) विभिन्न सहकारी समितियों के जरिए करता है। मार्कफेड ने इस वर्ष सिहोरा-मझौली क्षेत्र के करीब ३५० किसानों की धान की फसल सिहोरा तहसील की प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति तलाड व मझौली तहसील की सेवा साख सहकारी समिति पोंडा के जरिए खरीदी। लेकिन इन किसानों को धान के समर्थन मूल्य १७५० रुपए प्रति क्विंटल की बजाय उनकी फसल की कीमत का भुगतान १५०० रुपए प्रति क्व्ंिाटल के हिसाब से किया गया। इससे इन किसानों को लाखों रुपए की क्षति हुई। अधिवक्ता
आदित्य अहिवासी ने तर्क दिया कि इसकी शिकायत कलेक्टर सहिमत अन्य अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इसके चलते किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार के कृषक कल्याण व कृषि विभाग जबलपुर कलेक्टर ,मार्कफेड , प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति तलाड व सेवा साख सहकारी समिति पोंडा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।