यह है मामला
हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर यह अवमानना याचिका दायर की है। इसके अनुसार सदर मस्जिद जबलपुर के समीप रहने वाली अफसर बेगम पति शेख अख्तर कुरैशी ने एनएचएआई द्वारा की जा रही रिकवरी को अनुचित बताते हुए एक याचिका दायर की। इसकी सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि एनएचएआई ने याचिकाकर्ता की 0.67 हेक्टेयर जमीन ही अधिग्रहीत की थी, लेकिन उसे 0.74 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा दे दिया गया। बाद में एनएचआई को अपनी गलती का अहसास हुआ ।
न जवाब आया न याचिकाकर्ता
कोर्ट ने 7 जुलाई 2017 को कहा था कि याचिकाकर्ता दो सप्ताह के अंदर अधिक भुगतान की गई 22,11,156 रुपए की राशि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा कराए। याचिकाकर्ता ने इस निर्देश का पालन न कर कई बार समय मांगा। किसी के हाजिर न होने पर 20 सितंबर 2017 को कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ अवमानना का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे। 27 सितंबर 2017 को कोर्ट ने अफसर बेगम को नोटिस जारी किए। 16 मई 2018 को उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी किए गए। इसके बावजूद अभी तक न तो उसकी ओर से जवाब पेश किया गया, ना ही वह स्वयं कोर्ट में उपस्थित हुई। कोर्ट ने कहा है कि महिला का व्यवहार कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।