सिवनी निवासी आकाश श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसके पिता का 2012 में कार्यभारित आकस्मिक निधि कर्मी के रूप में सेवा देते हुए निधन हो गया। इसके बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया। लेकिन विभाग ने 2014 के परिपत्र का हवाला देकर अनुकंपा नियुक्ति से इनकार कर दिया। इसके स्थान पर 2 लाख रुपए एकमुश्त राशि लेने की शर्त रखी गई। याचिकाकर्ता ने राशि लेने से इनकार करते हुए यह याचिका दायर कर दी। अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे ने 2016 के परिपत्र का हवाला देकर कहा कि इसके अनुसार कार्यभारित आकस्मिक निधि कर्मी के पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तर्क से सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश दिया।