सिवनी जिले के वकील की ओर से याचिका दायर की गई
सिवनी जिले के कुरई निवासी वकील अहमद सईद कुरेशी की ओर से याचिका दायर की गई थी। कहा गया कि 1973 में एक मुस्लिम गुरु हबीब मियां ने स्टेशन के लिए रेलवे को जमीन दान दी। तब से इसे हबीबगंज स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन 12 नवम्बर 2021 को केंद्र व राज्य सरकार की सहमति से रेलवे बोर्ड ने इस स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया। उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने याचिका का विरोध करते हुए स्टेशन के नामकरण को उचित बताया।
सिवनी जिले के कुरई निवासी वकील अहमद सईद कुरेशी की ओर से याचिका दायर की गई थी। कहा गया कि 1973 में एक मुस्लिम गुरु हबीब मियां ने स्टेशन के लिए रेलवे को जमीन दान दी। तब से इसे हबीबगंज स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन 12 नवम्बर 2021 को केंद्र व राज्य सरकार की सहमति से रेलवे बोर्ड ने इस स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया। उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने याचिका का विरोध करते हुए स्टेशन के नामकरण को उचित बताया।
अंतिम सुनवाई के बाद सुरक्षित कर लिया था निर्णय
अंतिम सुनवाई के बाद 17 जनवरी को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कॉस्ट लगाई। कोर्ट ने एक माह के अंदर यह राशि हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए। इस राशि को कोरोना से लडऩे के लिए आवश्यक वस्तुएं खरीदने में इस्तेमाल किया जाएगा।
अंतिम सुनवाई के बाद 17 जनवरी को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कॉस्ट लगाई। कोर्ट ने एक माह के अंदर यह राशि हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए। इस राशि को कोरोना से लडऩे के लिए आवश्यक वस्तुएं खरीदने में इस्तेमाल किया जाएगा।