सीधी में पदस्थ रामशिरोमणि ने याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में सहायक ग्रेड-2 के रूप में कार्यरत है। लेकिन सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद उसे 62 के स्थान पर महज 60 वर्ष की आयु में रिटायर करने की तैयारी कर ली गई है। अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि सरकार ने मध्यप्रदेश शासकीय सेवक अद्र्धवार्षिकी आयु अधिनियम 2018 में शासकीय सेवकों को 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने का स्पष्ट रूप से प्रावधान कर दिया है । खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने भी इस प्रावधान को अंगीकार कर लिया। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को दो वर्ष पूर्व घर बैठाया जा रहा है। ऐसा करना असंवैधानिक है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट पर आगामी आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए।