दो करोड़ से इलेक्ट्रिक फेंसिंग वायरिंग-
वर्ष 1874 में बनी सेंट्रल जेल की 30 फुट (हाल ही बढ़ाई गई 05 फुट सहित) ऊंची बाउंड्रीवॉल पर दो करोड़ रुपए की लागत से इलेक्ट्रिक फेंसिंग वायरिंग का टेंडर जारी किया गया है। इस प्रोजेक्ट में जबलपुर के अलावा सभी 11 केंद्रीय जेलों को शामिल किया गया है। यहां छग की तर्ज पर कस्टिना तार का प्रयोग किया जाएगा। इसमें 24 घंटे विद्युत प्रवाहित होती रहे, इसके लिए सोलर पैनल भी लगेंगे।
52 और कैमरे भी लगेंगे-
सेंट्रल जेल की क्षमता 2030 बंदियों की है। जबकि मौजूदा समय में 2561 बंदी हैं। यहां 52 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है, अब 52 अन्य स्थानों पर और कैमरे लगाए जाएंगे। इससे जेल का एक-एक कोना सीसीटीवी कैमरे की जद में आ जाएगा।
ये है सेंट्रल जेल की क्षमता-
बैरक की क्षमता-
पुरुष-1644
महिला-202
अस्पताल-
पुरुष-115
महिला-15
सेल-
पुरुष-02
महिला-00
पृथक कक्ष-
पुरुष-50
महिला-02
मौजूदा समय में जेल में इतने हैं बंदी-
सश्रम-
पुरुष-1450
महिला-86
साधारण बंदी-02 पुरुष
विचाराधीन-
पुरुष-971
महिला-24
दीवानी-01 पुरुष
मृत्युदंड-14 पुरुष
रासुका-09 पुरुष
अन्य बंदी-
पुरुष-05
महिला-01
वर्जन-
जेल की दीवारों पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग वायरिंग कर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने की कवायद चल रही है। दो करोड़ रुपए की लागत से ये कार्य होने हैं। टेंडर हो चुका है। फरवरी से कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक