कोर्ट ने सरकार को नियुक्तियां करने के निर्देश दिए थे
नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने 5 फरवरी 2018 को मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को यह पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि 4 वर्ष पूर्व भी उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 17 फरवरी 2014 को कोर्ट ने सरकार को नियुक्तियां करने के निर्देश दिए थे। लेकिन प्रदेश भर की उपभोक्ता अदालतों में फिर वही स्थिति बन गई है। सितंबर 2017 में ही प्रदेश के हर जिले के उपभोक्ता फोरम अध्यक्षों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद से ये पद खाली हैं। सदस्यों को निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इससे नये मामलों में पक्षकारों को नोटिस जारी कर अगली तारीखें दी जा रही हैं। इससे लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है।
नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने 5 फरवरी 2018 को मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को यह पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि 4 वर्ष पूर्व भी उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 17 फरवरी 2014 को कोर्ट ने सरकार को नियुक्तियां करने के निर्देश दिए थे। लेकिन प्रदेश भर की उपभोक्ता अदालतों में फिर वही स्थिति बन गई है। सितंबर 2017 में ही प्रदेश के हर जिले के उपभोक्ता फोरम अध्यक्षों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद से ये पद खाली हैं। सदस्यों को निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इससे नये मामलों में पक्षकारों को नोटिस जारी कर अगली तारीखें दी जा रही हैं। इससे लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है।
13 पदों के लिए चयन प्रक्रिया पूर्ण
सरकार की ओर से सोमवार को बताया गया कि 13 पदों पर रिटायर्ड जिला न्यायाधीशों को नियुक्त करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इसके लिए 58 आवेदन आए थे। कोर्ट ने सरकार को दो दिन के अंदर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। बताया गया कि उपभोक्ता फोरम के संचालनार्थ बनाए गए नियमों में संशोधन के लिए कुछ समय और लग सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आवश्यक संशोधन कर 2 जुलाई तक कोर्ट को अवगत कराया जाए। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता समदर्शी तिवारी उपस्थित हुए।