जानकारों का कहना है कि यदि शासन इच्छाशक्ति दिखाए तो इसी सत्र से कॉलेजों की वैकल्पिक शुरुआत हो सकती है। जो भी नए कॉलेज खोले गए हैं, उनके पास खुद की जगह नहीं थी। कॉलेजों की शुरुआत या तो किराए के भवन से हुई या स्कूल भवनों से। शासकीय कॉलेज मझौली और बरेला स्थित कॉलेज की शुरुआत भी स्कूल भवन में हुई। बाद में कॉलेजों के खुद के भवन तैयार हुए।
शहर में महज तीन शासकीय गल्र्स कॉलेज मानकुंवर बाई महिला कॉलेज, होम साइंस कॉलेज और रांझी में गल्र्स कॉलेज है। कॉलेजों में सीमित सीटें होने के कारण भी छात्राओं को निजी कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ता है।
विनय सक्सेना, विधायक, उत्तर-मध्य विधानसभा
शहर में प्रस्तावित तीन नए कॉलेजों के लिए अभी तक शासन स्तर पर कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं। कॉलेज कब खुलेंगे, इस सम्बंध में कुछ भी कह पाना सम्भव नहीं है।
डॉ. लीला भलावी, प्रभारी अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा