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जबलपुर

यहां के मकान हो गए हैं जानलेवा, मकानमालिक से ज्यादा पड़ोसियों को खतरा

बड़ा फुहारा, निवाडग़ंज और भानतलैया इलाके में है ज्यादा संख्या

जबलपुरJul 05, 2019 / 01:33 am

shyam bihari

यहां के मकान हो गए हैं जानलेवा, मकानमालिक से ज्यादा पड़ोसियों को खतरा

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इन भवनों के ढहने का अंदेशा
– बिना कॉलम, बीम के पुराने मकान
– जिन घरों के आस-पास कई वर्षों से जलभराव हो रहा है
– खाली भवन, जिनका वर्षों से नहीं हुआ रखरखाव
– भूकम्प के समय के क्षतिग्रस्त मकान
जबलपुर। बारिश के सीजन में शहर में भी जर्जर मकानों के कारण दुर्घटना का खतरा मंडरा रहा है। किसी भवन का छज्जा जर्जर है, तो कोई मकान ढहने की कगार पर है। हाल ही में पुणे और मुम्बई में बारिश के कारण जर्जर मकानों से ढहने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं है।
मानसून सीजन का पहला पखवाड़ा बीत चुका है। बारिश भी शुरू हो गई है। नगर में बड़ी संख्या में वर्षों पुराने ऐसे मकान हैं, जो देखरेख के अभाव और अन्य कारणों से जर्जर और कमजोर हो गए हैं। नगर निगम के अमले ने ऐसे 31 मकानों को चिह्नित भी किया है, लेकिन उन्हें अब तक तोड़ा नहीं गया है। इससे खंडहर हो रहे मकान यातायात के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।
पुणे, मुम्बई की घटनाओं से नहीं लिया सबक
पुणे और मुम्बई मेें बारिश के कारण एक सप्ताह में जर्जर भवन और दीवारों के ढहने से मलबे में दबकर 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने कोई सबक नहीं लिया। जबकि नगर निगम के पास अलग से भवन विभाग और अतिक्रमण निरोधी दस्ता है। इतने भारीभरकम अमले के बावजूद काम नहीं होने सवाल खड़े करता है। लेकिन, जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंग रही।
प्रोटोकॉल में शामिल
जर्जर भवनों को तोडऩा बारिश सीजन के प्रोटोकॉल में शामिल है। नगर निगम का अमला हर साल बारिश शुरू होने से पहले जर्जर भवनों को तोड़ता था, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ। निगम के अमले ने बुधवार को जर्जर भवनों को तोडऩे की शुरुआत की। प्रेम मंदिर के समीप स्थित वैभव अपार्टमेंट की जर्जर बालकनी को तोड़ा गया।
शहरभर में 31 जर्जर भवन चिह्नित किए गए हैं। सबसे ज्यादा जर्जर भवन मिलौनीगंज, बड़ा फु हारा और भानतलैया के बीच हैं। जर्जर और खतरनाक भवनों को जल्द तोड़ा जाएगा।
वीएस बघेल, उपयंत्री, भवन शाखा

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