फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश
गिरोह की महिला सरगना के बेटे ने प्रेमजाल में फंसाकर अधारताल की 19 वर्षीय युवती को ब्लैकमेल कर 14 अप्रैल को राजस्थान में दो लाख रुपए में बेच दिया था। इस लड़की के राजस्थान से जैसे-तैसे भागकर शहर पहुंचने के बाद मानव तस्करी के गिरोह तक पुलिस पहुंच सकी। युवती की शिकायत पर पुलिस ने गिरोह में शामिल सात गुर्गों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया है। इसमें कंचनपुर निवासी सुनीता यादव, उसके बेटे निखिल यादव, पीडि़त की सहेली शैंकी रैकवार और आनंद साहू नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान के बारां निवासी गोलू उर्फ राजेंद्र विजयवर्गीय, कोटा निवासी नंदकिशोर और प्रमोद अग्रवाल फरार है।
पुलिस की लापरवाही से फैले तार
जिले में किशोरियों और युवतियों के गायब होने की शिकायतें लगातार आती रही हैं। इसमें ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से होती है। जानकारों की मानें तो ज्यादातर मामले में पुलिस यह मानकर पतसाजी में दिलचस्पी नहीं लेती कि प्रेमी के साथ चली गई होगी। पुलिस की इस धारणा और जांच में ढिलाई का फायदा आरोपियों ने उठाया। बेखौफ होकर सुनियोजित तरीके से लड़कियों को प्रलोभन, ब्लैकमेलिंग के जरिए शादी के नाम पर बेचने का धंधा शुरू कर दिया। शहर से राजस्थान तक गिरोह तैयार कर लिया।
जरूरत देखकर बनाया शिकार
पुलिस पूछताछ में गिरोह के गुर्गो ने कई जानकारियां उजागर की। पुलिस के अनुसार गिरोह के निशाने पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की और जरूरतमंद लड़कियां रहती थीं। गिरोह के गुर्गे लड़की की आवश्यकता समझने के बाद उसे अलग-अलग तरीके से जाल में फंसाते थे। लड़कियों को अच्छी नौकरी, स्वरोजगार शुरू करने के लिए ट्रेनिंग, विदेश घूमने, अच्छे घर में शादी कराने का झांसा और प्यार जताकर उनके अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर अपने जाल में फंसाते थे। उसके बाद राजस्थान में बैठे गिरोह के अन्य गुर्गों के जरिए लड़कियों का सौदा करते थे।