दमोहनाका से रद्दीचीैकी के बीच गोहलपुर थाने के चंद फासले पर गोहलपुर का ब्रिज है। इस ब्रिज से दोनों ओर का यातायात चलता है। ब्रिज की चौड़ाई करीब तीन फीट है। ब्रिज पर डामर की सड़क है, जो मुहाने पर जर्जर हो चुकी है।
हकीकत : गोहलपुर ब्रिज पर बाउंड्रीवॉल बनी हुई है। इस बाउंड्रीवॉल के बीच में सीमेंट की जालियां फसाई गई है। इस पर रद्दीचौकी की ओर साइड पर आधी से ज्यादा वॉल क्षतिग्रस्त होकर गिर चुकी है। ब्रिज के किनारे सिर्फ वॉल का पिलर लगा हुआ है। दूसरी साइड पर बीच-बीच की जाली भी टूट चुकी है।
कछपुरा क्रॉसिंग के पहले ओमती नाले पर ब्रिज बना है। इस ब्रिज के दोनों ओर दीवार बनी है। साइडिंग को कॉन्क्रीट से फुटपाथनुमा बनाया गया है। इस ब्रिज से राइजिंग पाइप लाइन गुजर रही है।
हकीकत : गढ़ा जाने के लिए इस ब्रिज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इससे गुजरने वाली पाइप लाइन में लीकेज है। ब्रिज के किनारे पर झाडि़यां उग गई हैं। ये झाडि़यां एक साइड पर नहीं बल्कि दूसरी ओर भी हो गई हैं। ब्रिज पर फुटपाथ बनने से दीवार छोटी हो गई है।
मदनमहल अंडरब्रिज को कछपुरा से जोडऩे वाली सड़क पर पुल बनाया गया है। यह पुल टू वे हैं लेकिन इस पर एक ही ओर यातायात शुरू किया जा सका है। ब्रिज पर कॉन्क्रीट की सड़क है। यहां घुमावदार सड़क पर ब्रिज है।
हकीकत : गढ़ा मुख्य रोड पर दबाव कम करने के लिए मदनमहल को कछपुरा से जोड़कर लिंक रोड बनाई गई है। यहां ब्रिज की हालत यह हो गई है कि एक ओर की बाउंड्रीवॉल क्षतिग्रस्त होकर लटक गई है। दूसरी ओर की बाउंड्रीवॉल भी क्षतिग्रस्त है। यहां रात के समय अंधेरा होने की वजह से वाहन चालक भ्रमित हो सकता है।
लमती जाने के लिए यहां ओमती नाले पर टू वे ब्रिज बनाया गया है। इस ब्रिज के दोनों ओर पिलर के साथ लोहे के पाइप लगाकर बाउंड्री बनाई गई है। टू वे सिस्टम में नाले के बीच जगह छोड़ी गई है, जिसमें लोहे के पाइप की बाउंड्री बनाई गई है। कॉन्क्रीट बेस में घुमावदार सड़क के बाद यहां किनारे खाईनुमा जमीन है।
हकीकत : विजयनगर से लमती, बासा, कचनारी होते हुए पाटन रोड को जोडऩे वाली इस सड़क पर ब्रिज तो बना दिया गया है लेकिन रखरखाव नहीं होने से यहां लोहे की बाउंड्री क्षतिग्रस्त हो गई है। घुमावदार सड़क के अंत में ब्रिज के किनारों पर डस्ट से फिसलन हो गई है, जिससे रात के समय दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।
एसके द्विवेदी, अधीक्षण यंत्री (पीडब्ल्यूडी), नगर निगम