शुक्रवार को ट्रैफिक पुलिस अंधमूक बायपास स्थित ज्ञानगंगा स्कूल की बसों की जांच करने पहुंची। बसों में दिखावे के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे थे। कैमरा रिकॉर्डिंग से नहीं जुड़ा था। वहीं फस्र्ट एड बॉक्स और फायर फाइटर एक्सपायर थे। फायर फाइटर में गैस की वैधता छह महीने ही होती है, लेकिन दो साल से गैस नहीं बदली गई थी। तीन बसें 15 साल पुरानी मिली। बस ऑपरेटरों को चेतावनी दी गई कि स्कूलों में 15 साल से पुरानी बसों का संचालन मिला तो कार्रवाई होगी।
इस तरह की खामियां मिलीं
-फस्र्ट एड बॉक्स में एक्सपायरी दवाएं मिलीं।
-फायर फाइटर दो साल पुरानी रिफलिंग वाली थी।
-बस चालकों की आंखों के टेस्ट नहीं हुए हैं
-बसों में स्पीड गवर्नर को इंजन से नहीं जोड़ा गया है।
-खिड़कियों में कांच के ऊपर जाली नहीं मिली।
-एक भी बस में जीपीएस सिस्टम नहीं मिला।
-22 बसों के चालक-परिचालक वर्दी में नहीं थे। सिविल कपड़ों में बिना नेम प्लेट में मिले।
-कई चालकों के पास बस चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला।
-सुप्रीम कोर्ट की स्कूल बसों को लेकर जारी की गई गाइडलाइन के बारे में चालक अनभिज्ञ हैं।
दो दिन में सुधार नहीं तो कार्रवाई
अधिकतर बस चालक साथ में रजिस्ट्रेशन, परमिट, बीमा, फिटनेस आदि दस्तावेज या फोटो कॉपी नहीं रखते। सभी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। स्कूल बस संचालकों को दो दिन की मोहलत बसों में सुरक्षा मानक के अनुसार संसाधन रखने की मोहलत दी गई है।
अमृत मीणा, एएसपी ट्रैफिक