कॉलेज में पहले से चल रहे वॉट्सऐप ग्रुप
कॉलेज में यह वॉट्सऐप ग्रुप काफी पहले से अपनी जगह बना चुके हैं। संस्थानों में कोर्सवाइज ग्रुप बनाए गए हैं, जिसमें स्टूडेंट्स अपनी प्रॉब्लम शेयर करते हैं और उसका जवाब टीचर्स देते हैं। इसके साथ ही एग्जाम को लेकर डिस्कशन, क्वेश्चन आंसर डिस्कशन स्टूडेंट्स के बीच चलता रहता है। यही चीज अब स्कूल में भी शुरुआत हो गई है।
जुड़े टीचर्स और पैरेंट्स
स्कूल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से हर बच्चा अपनी क्वेरीज डाल सकता है, जिसे संबंधित टीचर सॉल्व करते हैं। इसके साथ ही पैरेंट्स अपने बच्चे की स्कूल अटेंडेंस, परफॉर्मेंस भी देख सकते हैं। इस पर वह शिकायत भी कर सकते हैं और टीचर्स इन्फॉर्मेशन भी डाल सकते हैं। इस एैप से स्टूडेंट्स, टीचर्स और पैरेंट्स को जोड़ा गया है।
स्कूल्स की जानकारी भी अपलोड
एक्सपर्ट के अनुसार शहर के सीबीएसई स्कूल्स ने वॉट्सअप ग्रुप बनाने के साथ ही कई सॉफ्टवेयर ऐप की मदद से बच्चों और पैरेंट्स को जोड़ा है। ये ऐप स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही काम के हैं। इसकी मदद से पैरेंट्स भी अपने बच्चों को मॉनीटर कर पाते हैं। क्योंकि इस ऐप में स्कूल्स की सभी जानकारियां अपलोड की जाती हैं। हालांकि स्कूल्स में मोबाइल फोन का यूज बैन है, लेकिन घर पर पैरेंट्स की निगरानी में बच्चे मोबाइल का यूज करते हैं।
बेटे के कई डाउट क्लियर
पैरेंट्स मीनाक्षी गोयल ने बताया कि मेरा बेटा स्पर्श क्लास सेवंथ में है। उसकी साइंस टीचर अंजना मैम ने ग्रुप बनाया है, जिसमें स्टूडेंट्स को एड किया है। यदि कोई क्वेरीज उसमें स्पर्श करता है, तो वे सॉल्व करती हैं। मेरे बेटे ने कई बार अपने डाउट क्लियर किए।
वॉट्सऐप से क्वेरीज सॉल्व
बच्चों को वॉट्सऐप नंबर दिए गए हैं, जिसमें वे अपनी क्वेरीज डाल सकते हैं। इसके साथ ही बच्चा सुरक्षित स्कूल पहुंचा या नहीं, उसे बस में कोई दिक्कत तो नहीं हुई। इसके लिए एक वॉट्सअप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें टीचर्स, पैरेंट्स और कन्वेंस मैनेजर को एड किया गया है।