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जबलपुर

पाठयक्रम में खेलों को मिले महत्व, राष्ट्र निर्माण में हो सभी की सहभागिता

अभाविप राष्ट्रीय अधिवेशन में विभिन्न प्रस्तावों पर लगी मुहर, राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अगला राष्ट्रीय अधिवेशन गुहाटी में

जबलपुरDec 26, 2021 / 09:57 pm

Mayank Kumar Sahu

Importance of sports in curriculum, participation in nation building

Importance of sports in curriculum, participation in nation building

जबलपुर।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 67वें अधिवेशन के तीसरे और अंतिम दिन विभिन्न प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें शिक्षा परिसर में खेलों को तवज्जों देने पर जोर दिया गया। भारतीय परम्परारिक खेल कबड्डी, खो—खो और मलखंब आदि को पाठ्यक्रमों में शामिल करने तथा गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्णय हुआ। वहीं वक्ताओं ने राष्ट्र निर्माण में हर व्यक्ति की सहभागिता, वेटरनरी ग्राउंड स्थित अधिवेशन स्थल पर प्रांत प्रतिनिधियों ने प्रस्तावों पर सहमति जाहिर की। नवीन कार्यकारिणी की घोषणा भी अधिवेशन में हुई। राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने बताया कि अगला ६८वां राष्ट्रीय अधिवेशन गुहाटी में एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी शिमला में होगी। अधिवेशन का समापन ध्वजावतारण के साथ हुआ।
राष्ट्र पुनर्निर्माण में सभी की हो भागीदारी
भाषण सत्र में अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे ने कहा कि भारत की एकता और संप्रभुता अत्यंत पवित्र है, इसका कोई मोल नहीं हो सकता। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का लक्ष्य अकेले पूरा नहीं होगा, यह भारत के प्रत्येक जनमानस के सहभागिता से ही संभव है। विद्यार्थी परिषद् समाज के विभिन्न क्षेत्रों को नेतृत्व प्रदान करते आया है, अगर आप देश के लिए काम कर रहे हैं तो आप हमारे हैं। राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने अधिवेशन को विद्यार्थी परिषद् का पावर हाउस बताया जहां से समाज में कार्य हेतु ऊर्जा का संचार होता है। अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भाई पटेल, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव, महानगर मंत्री माखन शर्मा, व्यवस्था प्रमुख सर्वम राठौड़, चेतस सुखाडिया क्षेत्रीय संगठन मंत्री, प्रांत संगठन मंत्री विपिन गुप्ता, संदीप जैन, महेश केमतानी आदि उपस्थित थे।
योग और आत्मरक्षा हो अनिवार्य
परिषद ने तय किया कि मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए योग एवं आत्मरक्षा की गतिविधियों को विद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। स्कूलों में ओलंपियाड का आयोजन किया जाए। खेल शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। खेलों को बढ़ावा देने प्रतिवर्ष मिलने वाली शोधवृत्ति को बढ़ाया जाए। आजादी के अमृत महोत्सव में पर्यावरण को संरक्षित करने पर के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या को देखते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाए पर काम करने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के घरों को स्मारक में तब्दील करने पर जोर दिया।
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IMAGE CREDIT: mayank sahu

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