पिटुनिया- यह एक झाड़ीनुमा छोटा सा पौधा होता है। गर्मी और बरसात के मौसम में यह पौधे लगाए जाते हैं। इसे आसानी से छोटे गमले में लगाया जा सकता है। यह पौधा हराभरा रहता है। इसके फूल नीले और जामुनी रंग के होते हैं।
गोल्डन पोथोस – यह एक ऐसा पौधा है जिसे धूप, छांव या बरसात कहीं भी जमीन या गमले में लगा सकते हैं। यह हरा-भरा होता है। इसमें बाहरी डस्ट को ऑब्जर्व करने की केपिसिटी होती है।
कोचिया – यह गर्मियों का पौधा है। हरा, महीन और घने गुच्छे जैसा पौधा गर्मियों में आंखों को बहुत भाता है। कोई खास देखभाल की जरूरत नहीं होती। पर्याप्त नमी हो तो यह हराभरा रहता है।
स्नेक प्लांट – रात में ऑक्सीजन छोडऩे वाला यह पौधा तापमान को कंट्रोल करता है। हवा को शुद्ध बनाए रखने में भी इसकी अहम भूमिका होती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, बेंजीन, टोल्यूनि जैसे जहरीले पदार्थ को ऑब्जर्व करता है।
रबर प्लांट – आपके कमरे को ठंडक देने के लिए रबर प्लांट काम का पौधा है। हवा की अशुद्धियों को दूर कर ताजगी देता है। अच्छी मिट्टी मिल जाए तो हमेशा पानी देने की जरूरत भी नहीं होती।
एलोवेरा – इस पौधे की खासियत ये है कि हवा में पाए जाने वाले जहरीले पदार्थ को दूर करता है। ताजगी से परिपूर्ण करता है। घर का ट्रेम्प्रेचर भी कम होता है।
सूरजमुखी – यह गर्मियों में खूब खिलता है। इसके कारण उसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जितनी धूप इन पौधों को मिलेगी उतना ही यह खिलेगा। इसमें रोजाना पानी की जरूरत नहीं होती। हफ्ते में दो से तीन दिन ही सिंचाई की जरूरत होती है।