scriptटैक्स : नए-पुराने की भूल-भुलैया में उलझे करदाता, लेकिन कुछ खास चीजों पर मिलती रहेगी छूट | INCOME TAX : payers understand new and and old system | Patrika News
जबलपुर

टैक्स : नए-पुराने की भूल-भुलैया में उलझे करदाता, लेकिन कुछ खास चीजों पर मिलती रहेगी छूट

आयकरदाता दे रहे सीए के यहां दस्तक, सरकार ने बजट में किया है आयकर में विकल्प चुनने का प्रावधान

जबलपुरFeb 18, 2020 / 09:39 pm

shivmangal singh

income_tax_slab_rates_2020.jpg

जबलपुर. आयकर को लेकर बजट में किए गए नए प्रावधानों को लेकर करदाताओं ने प्लानिंग शुरू कर दी है। नए और पुराने की भूल-भुलैया समझने के लिए टैक्स पेयर सीए और टैक्स से जुड़े वकीलों और सलाहकारों के पास पहुंच रहे हैं। हालांकि कुछ छूट ऐसी हैं जो दोनों टैक्स स्लेब में बरकरार रहेंगी। निवेशकों को चाहिए यदि वे नए कर प्रावधान में जा रहे हैं तो इन स्कीमों में निवेश को बरकरार रखें। जिससे उन्हें भविष्य में नुकसान न हो। जबलपुर आयकर आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत करीब 7 लाख 53 हजार करदाता हैं। इन करदाताओं से करीब 4600 करोड़ रुपए का राजस्व आयकर के रूप में हासिल होता है। अकेले जबलपुर में सवा लाख से ज्यादा करदाताा हैं। इनमें अधिकतर नौकरीपेशा हैं। व्यापारी और उद्योगपति भी हैं।

नौकरीपेशा व पेंशनर्स वर्ग को ज्यादा फायदा
फाइनेंस बिल की जानकारी जैसे-जैसे विस्तृत रूप में आ रही है, वैसे ही आयकरदाता भी वैकल्पिक कर व्यवस्था पर ध्यान देने लगे हैं। कर क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि जिस करदाता की बिजनेस इनकम नहीं है, वहीं नई से पुरानी या पुरानी से नई व्यवस्था को चुन सकता है। सीए अनिल अग्रवाल ने बताया कि जिन करदाताओं की बिजनेस इनकम है, वे हर साल अपना विकल्प नहीं बदल सकेंगे। उन्होंने एक बार जो विकल्प चुन लिया, हमेशा उसी के अनुरूप चलना पडेग़ा। उनका कहना था कि बिजनेस इनकम वाला व्यक्ति यदि एक बार नए सिस्टम को चुन लेता है और फिर उसे पुराने में वापसी करनी है तो वह ऐसा केवल एक बार कर सकता है। अगली बार उसे पुराने सिस्टम में बने रहना होगा।

पुराना या नया विकल्प फायदेमंद
वैसे आयकर के दोनों विकल्पों की अपनी विशेषताएं हैं। पुराना स्लैब छूट लेने वाले करदाताओं के लिए बेहतर है। जिन्हें छूट का लाभ नहीं लेना उनके लिए नया विकल्प ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। जानकारों ने बताया कि मान लें कि किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपए है। यदि उसने होमलोन ले रखा है। वहीं एनपीएस या धारा 80 सी की छूट वाली योजनाओं में निवेश कर रखा है, तो दोनों को मिलाकर चार लाख की छूट मिल जाएगी। मेडिक्लेम के तहत 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट के बाद कर योग्य आय 5 लाख 50 हजार रह जाती है। इस प्रकार उसे करीब 22 हजार 500 रुपए टैक्स देना होगा। बिना छूट वाले नए स्लैब में यह टैक्स करीब 75 हजार रुपए होगा। दूसरी तरफ पुराने स्लैब में कोई करदाता किसी प्रकार की छूट नहीं लेता है, तो उसे सालाना 10 लाख की आय पर लगभग 1 लाख 12 हजार 500 रुपए टैक्स चुकाना पड़ रहा है।

नए टैक्स सिस्टम में भी टैक्स-फ्री हैं ये इनकम
फाइनेंस बिल 2020 में कुछ छूट ऐसी भी हैं जिन्हें बरकरार रखा गया है। कुछ आमदनी ऐसी भी जिन पर नए टैक्स सिस्टम के तहत भी छूट ली जा सकती है।

1. पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर ब्याज
पोस्ट ऑफिस के बचत खाता में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज एक लिमिट तक टैक्स फ्री है। व्यक्तिगत अकाउंट के मामले में यह लिमिट 3500 रुपये है जबकि जॉइंट अकाउंट के में 7000 रुपये।

2. 20 लाख तक की ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी पर एक लिमिट तक टैक्स में छूट मिलती रहेगी। 5 साल तक किसी कंपनी में काम करने वाला ग्रेच्युटी का हकदार होता है। इनकम टैक्स के कानून के मुताबिक गैर-सरकारी कर्मचारियों को लाइफटाइम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युइटी टैक्स-फ्री है। वहीं, सरकारी कर्मचारियों की पूरी ग्रैच्युटी टैक्स-फ्री होती है।

3. लाइफ इंश्योंरेंस की मेच्योरिटी राशि
नए टैक्स सिस्टम में सेक्शन 80 सी के तहत लाइफ इंश्योंरेस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन नही ले पाएंगे। लेकिन मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
4. ईपीएफ पर ब्याज
नए टैक्स सिस्टम के तहत एम्प्लॉयी प्रविडेंड फंड यानी ईपीएफ अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होगा, लेकिन ये ब्याज 9.5 पर्सेंट से ज्यादा न हो।

5. पीपीएफ : नए टैक्स सिस्टम के तहत पीपीएफ खाते में जमा की गई राशि पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी लेकिन मैच्योरिटी के दौरान मिलने वाली राशि पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा।

6. सुकन्या समृद्धि योजना : नए टैक्स सिस्टम में सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को ब्याज पर पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, इससे होने वाली पेमेंट्स भी टैक्स फ्री होंगी।


7 .वीआरएस अमाउंट
नए टैक्स सिस्टम में वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने वालों को रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली एकमुश्त रकम टैक्स-फ्री रहेगी। इसकी लिमिट 5 लाख रुपये तक है, नए और पुराने दोनों टैक्स सिस्टम में।

8. रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट
रिटायरमेंट के समय कई कंपनियां बची छुट्टियों के बदले कैश पेमेंट करती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, नए टैक्स सिस्टम में भी गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए 3 लाख रुपये तक का लीव एनकैशमेंट टैक्स-फ्री है।

Home / Jabalpur / टैक्स : नए-पुराने की भूल-भुलैया में उलझे करदाता, लेकिन कुछ खास चीजों पर मिलती रहेगी छूट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो