चार अगस्त को ट्रेन संख्या 12190 हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस को कोचिंग कॉम्प्लेक्स में मैंटेनेंस के लिए ले जाया गया। तब कर्मियों ने देखा कि एक कोच का ब्रेक ब्लॉक पूरी तरह से टूटा और घिसा हुआ था। वहीं चार अक्टूबर को ट्रेन संख्या 22181 गोंडवाना एक्सप्रेस को मैंटेनेंस पूरा होने के बाद यार्ड के लिए रवाना किया गया। ट्रेन गेटपास के लिए पहुंची। जहां कर्मचारियों ने देखा कि ट्रेन के एलएचबी कोच क्रमांक 98102 के एक पहिए में क्रेक था। इन दोनों मामलों में मैंटेनेंस करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई।
कोचिंग डिपो में मैंटेनेंस के लिए आने वाली ट्रेनों में कपलिंग की समस्या आम हो चुकीं हैं। कपलिंग न खुलने के कई मामले भी हाल ही में सामने आ चुके हैं। कपलिंग टूटने से बड़े-बड़े हादसे होते-होते बचे हैं।
ट्रेनों के मैंटेनेंस में कमी
पुराने उपकरणों के जरिए मैंटेनेंस व जांच
ट्रैक पर पेट्रोलिंग की कमी
अफसरों और कर्मचारियों की मनमानी
कई कामों को ठेकों पर कराना अब यह होगा
सुरक्षा मानकों को अपडेट किया जाएगा
मशीनों को अपग्रेड करने के साथ नए सिस्टम लगाए जाएंगे
निगरानी तंत्र को और मजूबत करने का प्रयास
अफसरों को लगातार समीक्षा करने के निर्देश
लगातार निरीक्षण और औचक जांच।