इनके लिए असुविधा
लॉकडाउन के बाद लम्बी दूरी के ट्रेनें शुरू होने से सफर पहले की तुलना में सुविधाजनक हुआ है। लेकिन, स्पेशल और फेस्टिवल दर्जे वाली ट्रेनों में यात्रियों को किराया भी ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों को बड़े स्टेशन और जंक्शन पर ही ठहराव दिए जाने से छोटे स्टेशन सूने हो गए हैं। इन स्टेशनों को जोडऩे के लिए पैसेंजर या लोकल ट्रेन शुरू नहीं करने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को परेशानी हो रही है। कई स्थान को रेल सेवा से कटे हुए एक साल हो गए हैं।
संक्रमण से बचने के लिए
– हर ट्रिप के बाद ट्रेन की सफाई कर सेनेटाइज किया
– वातानुकूलित कोच से पर्दे और कम्बल हटाए
– प्लेटफॉर्म पर लगेज सेनेटाइजेशन काउंटर खोले
– गुटखा बेचने और थूकने वालों पर कार्रवाई
भीड़ कम करने के लिए
– जनरल टिकट में भी आरक्षण दिया
– वेटिंग टिकट पर यात्रा को रोका
– प्लेटफॉर्म टिकट की दर बढ़ाई
– यातायात भार के अनुसार ट्रेनों का संचालन
ये बदलाव भी हुए
– ट्रेन छूटने से एक घंटे पहले स्टेशन पहुंचना जरूरी
– कई छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों के स्टॉपेज समाप्त किए, इससे ट्रेनों की गति बढ़ी
– आरक्षण के कारण प्रत्येक यात्री का पता रेलवे के पास
– प्लेटफॉर्म और ट्रेन में खुले में खाद्य पदार्थों का विक्रय बंद।