(फोटो कैप्शन: परमाणु बिजली संयंत्र का प्रतीकात्मक फोटो।)
जबलपुर। जापान ने अपने परमाणु बिजलीघर फिर से शुरू कर दिए हैं। और ज्यादातर संवर्धित यूरेनियम इसमें इस्तेमाल होने की उम्मीद है। भारत भी एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है। भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण वर्ष 1974 में किया था। अब तक कुल 6 परीक्षण कर चुका है। आखिरी बार वर्ष 1998 में परीक्षण किया था।
जापान के कदम के बाद अब एक बार फिर चुटका पर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। यहां हम आपको बता दें कि भारत सरकार के परमाणु विद्युत निगम (एनपीसीएल) द्वारा 14 सौ मेगावाट का परमाणु बिजली संयंत्र चुटका में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए राज्य सरकार की मदद से भूमि का अधिग्रहण होना है।
(मंडला जिले में स्थित है ये जमीन।)
मंडला जिले के नारायणगंज विकासखण्ड अंतर्गत चुटका गांव में सरकार द्वारा न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की योजना है। जिसका समीपस्थ निवासी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगाने के लिए चुटका की 41.49 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
ढाई साल पहले दिल्ली से आई टीम
ग्रामीणों का कहना है कि न्यूक्लियर से कई तरह के नुकसान होंगे ब्लास्ट, वे रेडिएशन की संभावना भी जता रहे हैं। यहां ढाई साल पहले दिल्ली से वैज्ञानिकों की टीम आई थी। जिसने पूरा मुआयना किया। इसके बाद यहां प्लांट लगाने का विचार किया गया।
(चुटका पॉवर प्लांट का ग्रामीणों द्वारा विरोध का फाइल फोटो।)
ये हैं गांव
ग्रामीणों के अनुसार इस परियोजना में चुटका से लगे टाटीगांव, कोंडागांव, मानेगांव के हजारों किसानों को विस्थापित किया जाएगा जबकि सालों पहले इन्ही गांवों के लोगों को तरह-तरह के वादे करके नर्मदा बरगी परियोजना से विस्थापित कर यहां बसाया गया था। हालांकि मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि पॉवर प्लांट बनेगा तो उसकी व्यवस्थाएं भी होंगी। कई तरह की इलेक्ट्रीसिटी के साथ ही यह उपयोगी कार्यों के लिए बनेगा।