भिलाई निवासी संतोष कुमार भास्कर की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार त्रिपाठी ने वीसी के जरिए तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाई पावर कमेटी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने संबंधी पूर्व आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भिलाई स्टील प्लांट में नियमित कर्मचारी के रूप में कार्यरत याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। किसी ने दुर्भावनावश शिकायत कर दी थी कि उसने महार जाति के जिस प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति के आवेदक का लाभ हासिल करते हुए नौकरी हासिल की है, वह फर्जी है। इस शिकायत के आधार पर जांच के बाद मामला हाई पावर कमेटी भेज दिया गया। हाई पावर कमेटी ने मामले पर सुनवाई के बाद जाति प्रमाण पत्र अवैध पाते हुए निरस्त कर दिया। उस आदेश को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद हाई पावर कमेटी के आदेश पर रोक लगा दी। इसके बावजूद भिलाई स्टील प्लांट ने सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। उक्त आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी, इसलिए कैट की शरण ली गई।