मंगेली-तिलहरी बायपास बन जाने से क्षेत्र के लोगों के लिए आवाजाही आसान हो गई है। नर्मदा पर भटौली पुल बनने के पहले तक मंगेली व आसपास के गांवों के लोगों को शहर आने के लिए नाव का सहारा लेना होता था।
ट्रीटमेंट प्लांट जरूरी
जानकारों का मानना है कि क्षेत्र में टाउनशिप के विकास के साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट विकसित करना भी आवश्यक है। जिससे रिहायशी क्षेत्र के नाले-नालियों के गंदे पानी सीधे नर्मदा में न बहाया जाए। अभी तक नर्मदा के जिन व्यू प्वाइंट के आसपास कॉलोनी विकसित हुई हैं उनका गंदा पानी नदी में ही बहाया जा रहा है। इससे नर्मदा में प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। इंजी. सुनील दुबे का कहना है कि नर्मदा व्यू से लगे तिलहरी, परसवारा साइट में ईडब्लूएस, एलआईजी, एमआईजी तीनों श्रेणी में बहुमंजिला आवास विकसित किए जा रहे हैं। भवनों का निर्माण कार्य जारी है। मंगेली-तिलहरी बाइपास बन जाने से क्षेत्र में आवाजाही आसान हो गई है।