जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या सरकारी मेडिकल कॉलेज से मेडिकल पीजी कोर्स करने वाले को ही मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति दी जाएगी? चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर व गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस जारी किए।अगली सुनवाई 16 अगस्त तक जवाब मांगा।
यह है मामलाभोपाल निवासी डॉ. अंजना बंथिया ने याचिका दायर की । अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि डॉ बंथिया ने निजी मेडिकल कॉलेज से डेंटल सर्जरी का कोर्स किया। जुलाई 2017 में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज ने सीनियर रेसिडेंट की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया। याचिकाकर्ता को 20 जुलाई 2021 को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने डॉ अंजना की दावेदारी यह कहते हुए खारिज कर दी कि जिसने गांधी मेडिकल कॉलेज या सरकारी मेडिकल कॉलेज से स्नातकोत्तर कोर्स किया है, उसे ही नियुक्ति दी जाएगी।
यह दिया था तर्क तर्क दिया गया कि गांधी मेडिकल कॉलेज में एमडीएस का कोर्स संचालित नहीं होता। इस तरह का नियम पक्षपातपूर्ण है। याचिकाकर्ता ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को अभ्यावेदन दिए कि उसकी उम्मीदवारी स्वीकार की जाए। कोई कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई।
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