कानून मंत्री ने लौटाया जस्टिस बोस का नाम
सीजेआइ दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ व जस्टिस एके सीकरी की समिति की ओर से जारी आदेश के अनुसार 10 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक हुई। इसके मिनिट्स में की गई अनुशंसा के अनुसार कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ अवर न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया जाना था। इस अनुशंसा को विधि एवं न्याय मंत्री ने पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को भेज दिया था। कॉलेजियम ने पुरानी अनुशंसा को निरस्त कर प्रशासनिक आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए जस्टिस मेनन को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित करने की अनुशंसा की।
16 साल पहले हुए नियुक्त
जस्टिस मेनन जबलपुर के निवासी हैं। उन्हें एक अप्रैल 2002 को मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 2008 में उनका तबादला मुख्यपीठ जबलपुर हुआ। यहां 13 मई 2016 से 14 मार्च 2017 तक वे एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में पदस्थ थे। 15 मार्च 2017 को उनका तबादला पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में किया गया था।
साइंस कॉलेज में पढ़ाई
करीबी सूत्रों के अनुसार जस्टिस मेनन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्राइस्ट चर्च ब्वायज स्कूल से पूर्ण की। गवर्नमेंट साइंस कॉलेज से उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की। जस्टिस मेनन का पैतृक घर यहां राइट टाउन में हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता पी सदाशिवन नायर के सानिध्य में वकालत प्रारंभ की थी। जस्टिस मेनन से जुड़े अधिवक्ताओं ने बताया कि जस्टिस मेनन की ड्रॉफ्टिंग बेहद शानदार व अनूठी है। कई अधिवक्ता उनकी प्रतिभा और लेखनी के कायल हैं। वे खुश मिजाज व्यक्तित्व के धनी है। कॉलेज के दिनों के मित्रों के दिलों में उनकी वे यादें आज भी ताजा हैं, जब मेनन उनके साथ तफरीह के लिए साथ निकलते थे। मित्रों ने बताया कि मेनन का व्यक्तित्व बेहद आकर्षक और प्रभावी है। उनसे एक बार मिलने के बाद व्यक्ति उनका कायल हो जाता है।