कोर्ट ने मामले का विचारण कर रही निचली अदालत को निर्देश दिए हैं कि जल्द ही ट्रायल पूरा कर लिया जाए। उल्लेखनीय है कि 7 सितंबर 2017 को पहली बार कोर्ट ने पीयूष की जमानत अर्जी खारिज की थी। अभियोजन के अनुसार जबलपुर के उद्योगपति शंकर नाग्देव की पुत्री ज्योति का विवाह कानपुर के व्यवसायी के पुत्र पीयूष श्यामदासानी से हुआ था। एक अन्य युवती से भी पीयूष के अवैध प्रेम संबंध थे। इसके चलते पीयूष ने 27 जुलाई 2014 को कानपुर के काकादेव स्थित अपने आवास में ज्योति की हत्या कर दी थी। पीयूष ने ही पुलिस में ज्योति की हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी। बाद में यह राजफाश हुआ कि उसी ने ज्योति की हत्या की थी। स्वरूपनगर थाना पुलिस ने उसे 30 जुलाई 2014 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यह प्रकरण कानपुर जिला अदालत में विचाराधीन है। इसी मामले में जमानत का लाभ पाने के लिए आरोपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे निरस्त कर दिया गया।