scriptCorona transition:खाकी का ‘डंडा’ वाली छवि छूटा, सोशल पुलिसिंग बनी पहचान | Khaki's 'Danda' image removed, social policing becomes identity | Patrika News
जबलपुर

Corona transition:खाकी का ‘डंडा’ वाली छवि छूटा, सोशल पुलिसिंग बनी पहचान

-कोरोना संक्रमण काल में पुलिस की भूमिका बदली तो लोगों ने भी सराहा, दिया सम्मान

जबलपुरMay 23, 2020 / 02:39 pm

santosh singh

bhojan.jpg

polish

जबलपुर। कोरोना संक्रमण और पिछले दो महीने से चल रहे लॉकडाउन में पुलिस की अलग से छवि पेश की। जिस खाकी की छवि डंडा मार की बन चुकी थी। उसका मानवीय पहलू निखर कर सामने आया। कहीं वर्दी वाले भोजन पहुंचा रहे हैं, तो कहीं पैदल परदेस से लौटे मजदूरों के लिए भोजन और वाहन की व्यवस्था कर रहे हैं। नंगे पैरों में चप्पल डालने जैसा पुनीत कार्य हो या फिर लॉकडाउन में फंसने की वजह से हास्टल में फंसी छात्राओं तक राशन सामग्री पहुंचाने की बात हो। यहां तक कि गाने, नुक्कड़ नाटक और चित्रकारी के माध्यम से भी लोगों को जागरुक करने में खाकी पीछे नहीं रही।

ravi.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

कोरोना संक्रमण में पुलिस की मदद के बहुतेरे कहानियां-
कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन में पुलिस की बहुतेरे कहानियों लोगों के मनोपटल पर अंकित हो चुका है। ड्यूटी के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण ओमती थाने में पदस्थ आरक्षक आनंद पांडे ने पेश किया। पैदल ही कानपुर से वह दो अप्रैल को जबलपुर पहुंचा। अधारताल मिल्क स्कीम में ट्रैफिक थाने में पदस्थ सूबेदार अखिलेश कुशवाहा, आरक्षक सुरेंद्र अवस्थी, रवि कुमार ने लोगों को जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक पेश किया। 30 मार्च को डायल-100 पर गोहलपुर के एक परिवार ने घर में राशन न होने की परेशानी सुनाई। पुलिस भोजन सामग्री लेकर पहुंच गई।

nukkad_natak.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

कोरोना संक्रमण में पुलिस की मदद के बहुतेरे कहानियां-
कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन में पुलिस की बहुतेरे कहानियों लोगों के मनोपटल पर अंकित हो चुका है। ड्यूटी के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण ओमती थाने में पदस्थ आरक्षक आनंद पांडे ने पेश किया। पैदल ही कानपुर से वह दो अप्रैल को जबलपुर पहुंचा। अधारताल मिल्क स्कीम में ट्रैफिक थाने में पदस्थ सूबेदार अखिलेश कुशवाहा, आरक्षक सुरेंद्र अवस्थी, रवि कुमार ने लोगों को जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक पेश किया। 30 मार्च को डायल-100 पर गोहलपुर के एक परिवार ने घर में राशन न होने की परेशानी सुनाई। पुलिस भोजन सामग्री लेकर पहुंच गई।

chappal.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

केस-एक
मदनमहल पुलिस द्वारा फोन पर मिली सूचना पर माढ़ोताल आईटीआई गली में फंसे मजदूरों के लिए 90 पैकेट पहुंचाया। इसी तरह विजय नगर व ग्वरीघाट में भी लगातार भोजन के पैकेट पहुंचाए। गल्र्स हॉस्टल की लड़कियों और गुलौआ चौक के पास रहने वाले एक परिवार को राशन पहुंचाया। वहीं 130 जोड़ी चप्पले बांटी।

bhirthyday.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

कंटेनमेंट एरिया में बच्ची का जन्मदिन मनाने पहुंची पुलिस-
ओमती पुलिस ने कंटेनमेंट एरिया में पांच वर्ष की बच्ची का जन्मदिन मनाने केक व गिफ्ट लेकर पहुंच गई। इसी थाने में पदस्थ एसआई सतीश झारिया ने गीत गाकर क्षेत्र के लोगों को लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश दिया। सोशल पुलिसिंग का ही असर रहा कि खुद सेना ने उनके सम्मान में बैंड बजा कर संदेश दिया। ड्यूटी करते हुए सीएसपी गढ़ा रोहित काशवानी, एसआई सतीश झारिया सहित पांच आरक्षक भी कोरोना से संक्रमित हुए, लेकिन पुलिस कर्मियों के हौसले कम नहीं हुए।

केस-तीन
01 अप्रैल को सिविल लाइंस क्षेत्र में हॉस्टल में फंसी सिवनी की दो बहनों को पुलिस ने वाहन की व्यवसथा का घर पहुंचाया। एक का पैर फ्रैक्चर हो गया था। पैसे इलाज में खर्च हो गए थे। राशन तक नहीं बचा था। दोनों बहनें परेशान हाल में थाने पहुंची। टीआई ने उनकी समस्या सुनी और मदद की।

chappal.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

केस-एक
मदनमहल पुलिस द्वारा फोन पर मिली सूचना पर माढ़ोताल आईटीआई गली में फंसे मजदूरों के लिए 90 पैकेट पहुंचाया। इसी तरह विजय नगर व ग्वरीघाट में भी लगातार भोजन के पैकेट पहुंचाए। गल्र्स हॉस्टल की लड़कियों और गुलौआ चौक के पास रहने वाले एक परिवार को राशन पहुंचाया। वहीं 130 जोड़ी चप्पले बांटी।

केस-दो
एसपी के पास नेपियर टाउन में हॉस्टल में रह रही पांच छात्राओं ने फोन किया कि उनका राशन समाप्त हो गया है। ओमती टीआई एसपीएस बघेल और कंट्रोल रूम प्रभारी राशन लेकर छात्राओं के पास पहुंचे। 15-15 किलो के भोजन सामग्री के पैकेट दिए।

वर्जन-
ये प्राकृतिक विपदा है। इस तरह के संकट काल से निपटने के लिए पुलिस को ट्रेनिंग दी जाती है। मानवीय दृष्टिकोण अपना कर पुलिस को अपना रूप बदलना होगा। संवेदनशीलता, मानवीयता अपनाकर ही हम मदद कर सकते हैं।
भगवत सिंह चौहान, आईजी

वर्जन-
कोरोना संकट के समय पुलिस कर्मियों ने अपने आचरण व व्यवहार से मानवीय चेहरा पेश किया है, जो गर्व की बात है। हमारे और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी समय-समय इसको लेकर चर्चा करते रहे हैं कि फरियादियों को कैसे सुनन है। चैकिंग में क्या करना है, लोगों की मदद करनी है। हैं।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी

Home / Jabalpur / Corona transition:खाकी का ‘डंडा’ वाली छवि छूटा, सोशल पुलिसिंग बनी पहचान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो