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जबलपुर

black marketing of remdesivi injection में फंसे फर्जी डॉक्टरों को रिमांड पर लेने की तैयारी में STF

-black marketing of remdesivi injection में फंसे फर्जी डॉक्टरों को STF ने 20 को ही किया था गिरफ्तार-ये सभी फिलहाल भोपाल कारागार में हैं बंद-अब रिमांड पर लेने भोपाल पहुंची एसटीएफ

जबलपुरJun 17, 2021 / 02:10 pm

Ajay Chaturvedi

फर्जी डॉक्टर (प्रतीकात्मक फोटो)

फर्जी डॉक्टर (प्रतीकात्मक फोटो)

जबलपुर. black marketing of remdesivi injection में फंसे फर्जी डॉक्टरों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। अब STF इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। इन्हें रिमांड पर लेने के लिए एसटीएफ की टीम भोपाल पहुंच चुकी है। इन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की गिरफ्त में आए सभी आरोपी फर्जी डॉक्टर निजी अस्पतालों से जुड़े रहे। ताजा पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार ये फर्जी डॉक्टर कोरोना वार्ड से रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराते रहे। आरोप है कि जो इंजेक्शन मरीजों को लगाने के लिए भेजा जाता था उसे ये मरीजों को न लगा कर उसे बाजार में 20-25 हजार रुपये में बेंच देते थे। ऐसे में अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीजों को इंजेक्शन न लगने के चलते उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा। एसटीएफ के हत्थे ये 20 अप्रैल को चढ़े थे, तब एसटीएफ ने चार लोगों (नीरज साहू, डॉ जितेंद्र ठाकुर, सुधीर सोनी, राहुल उर्फ अरुण विश्वकर्मा) को गिरफ्तार किया था, जिसमें दो डॉक्टर थे जिनकी जांच पर पता चला कि ये दोनों फर्जी हैं। इसमें से एक ने तो मेडिकल की पढ़ाई तक नहीं की थी जबकि दूसरा स्टूडेंट है।
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फर्जी डॉक्टर
एसटीएफ की पूछताछ में जबलपुर की मूल निवासी व नागपुर में निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ संगीता पटेल का नाम सामने भई सामने आया। आरोपियों से मिली जानकारी के मुताबिक संगीता ही इस गिरोह की सरगना संगीता रही। इस जानकारी के बाद एसटीएफ टीम ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। उसने तीन इंजेक्शन डॉ नीरज साहू के माध्यम से 18-18 हजार रुपए में बेचे थे।
अब जबलपुर एसटीएफ टीम ने डॉ नीरज साहू को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अनुरोध पत्र दायर किया है। एसटीएफ की कोशिश है कि फर्जीवाड़े की तह तक पहुंच कर पूरे केस की व्यापक जांच कर एक-एक को सजा दिलाई जाए। प्रारंभिक छानबीन में सामने आया है कि आरोपी ने दमोह से उक्त फर्जी डिग्री तैयार कराई थी। यहां से कई दूसरे लोगों ने भी इसी तरह से फर्जी डिग्री तैयार कराई है। एसटीएफ रिमांड पर लेकर इस नेक्सेस को तोड़ने की जुगत में है। बता दें कि एसटीएफ की गिरफ्त में आए आशीष हास्पिटल में कार्यरत डॉक्टर नीरज साहू ने इलेक्ट्रो होम्यौपैथी कॉलेज से डिग्री हासिल की थी। कॉलेज प्रशासन से इसकी पुष्टि भी कर दी है।

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