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हाईकोर्ट ने कहा, परिस्थितियां बदले बिना फिर से जमानत अर्जी लगाने की कानून नहीं देता इजाजत

locationजबलपुरPublished: Jun 13, 2019 08:50:19 pm

Submitted by:

abhishek dixit

हाईकोर्ट ने कहा, परिस्थितियां बदले बिना फिर से जमानत अर्जी लगाने की कानून नहीं देता इजाजत

mp high court

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार जिन परिस्थितियों में जमानत की अर्जी कोर्ट खारिज कर चुकी हो, उन परिस्थितियों में बदलाव हुए बिना दोबारा अर्जी लगाने की अनुमति दांडिक कानून नहीं देता। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की अवकाशकालीन सिंगल बेंच ने इस मत के साथ जबलपुर के लार्डगंज निवासी युवक को हत्या के प्रयास के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सातवीं बार उसकी जमानत की अर्जी निरस्त की।

यह है मामला
अभियोजन के अनुसार कटनी के माधवनगर थानांतर्गत निवासी सुशील जैन के घर पर 26 अप्रैल 2017 की रात करीब आठ बजे तीन लोग घुस आए। उन्होंने सुशील की आंखों में मिर्ची का पाउडर झोंक दिया। इसके बाद उसे चाकू मारे। सुशील चीखते हुए गिर पड़ा, तो उसके पिता घर के अंदर से आए। उनकी आहट पाकर बदमाश भाग निकले। जांच के बाद पुलिस ने भादंवि की धारा 307, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर श्रीनाथ की तलैया, थाना लार्डगंज, जबलपुर निवासी सिद्धार्थ श्रीवास्तव को 30 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार किया।

छह बार पहले ठुकराईं अर्जियां
इसी मामले में जमानत के लिए आरोपित सिद्धार्थ की ओर से पहले छह बार लगाई गई जमानत की अर्जियां हाईकोर्ट खारिज कर चुकी है। 13 फरवरी 2019 को छठी बार अर्जी खारिज होने के बाद सातवीं बार आरोपित की ओर से अर्जी दायर की गई। अधिवक्ता घनश्याम पांडें ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट मामले के सहआरोपी जगदीप सिंह राठौर को 28 अगस्त 2018 को जमानत पर रिहा करने के निर्देश दे चुकी है। शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार झा ने यह कहते हुए अर्जी का विरोध किया कि 13 फरवरी से अब तक परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी निरस्त कर दी।

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