पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार तेंदुए की मौत शरीर के अंदरूनी अंगों में चोट के कारण हुई। तेंदुए के रीढ़ की हड्डी टूटी थी। उसके पिछले हिस्से, पैरों और पूंछ में संवेदना कम हो गई थी। वह पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा था। पीठ में तार कसने से कारण छह सेमी तक गहरे जख्म हो गए थे। उसकी त्वचा, मांसपेशिया और रक्त वाहिनियां कट गई थीं। बाहरी एवं अंदरूनी अंगों से ज्यादा रक्तस्राव हुआ था। छाती और फे फड़े में खून के थक्के जम गए थे। ब्लड रिपोर्ट के अनुसार इंफेक्शन और एनीमिया मिला है। हीमोग्लोबिन की मात्रा 6.2 प्रतिशत थी। ब्लड सप्लाई कम होने से फेफड़े व अन्य अंग निष्क्रिय हो गए थे।
पेट में मिला तार का टुकड़ा
तेंदुए के पेट में करीब तीन सेमी का तार टुकड़ा पाया गया। उसके आमाशय में चोट थी। आमाशय के परीक्षण में पता चला कि पेट खाली था। उसके पिछले पैरों के नाखून भी टूट गए थे।
फॉरेंसिक सैम्पल की होगी जांच
कड़ी चौकसी के बीच तेंदुए का पोस्टमार्टम किया गया। रासायनिक जांच के लिए हिस्टोपैथोलॉजी एवं फोरेंसिक सैम्पल लिए गए हैं। डीएफओ रवींद्र मणि त्रिपाठी, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि एवं वल्र्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर के सोमन डे, कान्हा नेशनल पार्क के वेटरनरी एक्सपर्ट डॉ. संदीप अग्रवाल की उपस्थिति में डॉ. मधु स्वामी की टीम ने पोस्टमार्टम किया।