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जबलपुर

चालीस साल से अवैध कब्जे होते रहे, अधिकारी क्या आंख बंद किए बैठे थे : हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, केंट बोर्ड से जवाब-तलब
 

जबलपुरNov 28, 2019 / 12:39 am

reetesh pyasi

High Court

हाईकोर्ट

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने पेंटीनाका चौराहे पर प्रस्तावित लेफ्ट टर्न बनाने के लिए वहां के व्यापारियों को हटाए जाने के मसले पर तल्ख टिप्पणी कर पूछा कि चालीस साल से उक्त सड़क के किनारे व सड़क पर अवैध कब्जे होते रहे। उस वक्त क्या अधिकारियों की आंखें बंद थीं? चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने केंट बोर्ड से यह भी पूछा कि हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर याचिकाकर्ता व्यापारियों को नोटिस जारी कैसे कर दिया गया? 30 जनवरी तक जवाब मांगा गया।
यह है मामला
अधिवक्ता द्वारका प्रसाद वर्मा व अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए पेंटी नाका चौक लेफ्ट टर्न बनाने की कार्रवाई को लेकर केंट बोर्ड ने याचिकाकर्ता सहित 43 व्यापारियों को हटाने के लिए धारा 257(2) के तहत नोटिस दिए। जबकि हाईकोर्ट ने विगत 27 सितंबर को एक जनहित याचिका पर दिए आदेश में केद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय, जबलपुर केंटोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष, डिफेंस इस्टेट ऑफीसर व यातायात थाना प्रभारी जबलपुर को पेंटी नाका चौक पर ओवर क्राउंडिंग की स्थिति रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने को कहा गया था। कोर्ट ने कहा था कि पेंटी नाका पर होटलों, दुकानों के सामने व फुटपाथ पर वाहनों की पार्किंग न हो, यह सुनिश्चित किया जाए । केंट बोर्ड व अन्य को पेंटी नाका के लेफ्ट टर्न को अतिक्रमणमुक्त कर जनता के लिए खोलने के संबंध में अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया था।

पार्किंग व्यवस्थित करने की बजाय थमाया नोटिस
अधिवक्ता मनीष तिवारी ने तर्क दिया कि उक्त आदेश की अनुचित व्याख्या कर केंट बोर्ड ने पार्र्किंग व्यवस्थित करने ओवर क्राउडिंग रोकने की बजाय याचिकाकर्ता व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिए। जबकि याचिकाकर्ता जैन ट्रस्ट के किराएदार हैं। ट्रस्ट से याचिकाकर्ताओं का सिविल विवाद अदालत में लंबित है। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं से दुकान खाली करवाने के लिए जनहित याचिका की आड़ में ट्रस्ट ने जनहित याचिका दायर करवा दी।

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