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जबलपुर

राष्ट्र और समाज के हित में हो साहित्य, तभी उसकी सार्थकता है

जबलपुर के रादुविवि हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग में ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
 

जबलपुरJun 18, 2020 / 09:00 pm

shyam bihari

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जबलपुर। राष्ट्र के हित में साहित्य हो, साहित्य के हित में समाज हो और समाज के हित में साहित्यकार हो। तभी प्रेरणादायी और जीवन मूल्य युक्त साहित्य विद्या हमारे सामने आएगी। उक्त विचार रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र ने बुधवार को विवि के हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग में सात दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उनका कहना था कि साहित्य हमेशा जिंदा रहा है। आगे भी रहेगा। लेकिन, जरूरत इस बात है कि समाज इसे अपना हिस्सा माने। ऐसे मौके पर साहित्कारों की भूमिका भ बढ़ जाती है। उनकी जिम्मेदारी है कि वे समाज की जरूरतों को समझें। उसके हिसाब से साहित्य रचें। समाज का अंतिम तबका भी साहित्य का हिस्सा होना ही चाहिए। तभी उसे सर्वकालिक मान्यता मिलेगी।

कुलपति प्रो. मिश्र के आह्वान पर कोरोना काल से कलवित और सीमा विवाद में शहीद हुए सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाठक, महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि चित्रकूट कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम, पूर्व कुलपति प्रो. केदारनाथ सिंह यादव ने विचार व्यक्त किए। उच्च शिक्षा विभाग मप्र के पूर्व संचालक प्रो. राधा वल्लभ शर्मा ने साहित्य को जीने का आधार बताया। कार्यक्रम में दिल्ली से डॉ. दीपक कुमार पांडेय, प्रयागराज से डॉ. राजेश कुमार गर्ग, डिंडोरी से डॉ. बिहारीलाल द्विवेदी, डॉ. बालस्वरूप द्विवेदी, शिमला से मनोज के अलावा 1150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। संचालन डॉ. आशा रानी ने किया।

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