शहर में 20 सालों से रंगकर्मियों का समूह है, जो बालभवन के साथ वर्ष 2014 से सतत सक्रिय है, उनका सहयोग 2007 से ही बालभवन के बच्चों के लिए रहा है। बाल भवन के बच्चों में श्रेया खंडेलवाल, अक्षय ठाकुर, शालिनी अहिरवार, तरुण ठाकुर, अंशुल साहू सहित न जाने कितने बच्चे अब प्रोफेशनल आर्टिस्ट की सूची में शुमार हो गए हैं। नाट्यलोक संस्था के अलावा शहर के नामचीन रंगकर्मियों ने बालभवन के साथ काम किया। 2014 के बाद बच्चों को थियेटर की शिक्षा दी जाने लगी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मार्गदर्शन कला और क्रॉफ्ट के माध्यम से कला में आगे बढऩे वाले बच्चों को प्रशिक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ड्राइंग-पेंटिंग की बारीकियों सहित क्रॉफ्ट वर्क में कलात्मक मार्गदर्शन दे रहे हैं। हाल ही में बच्चों ने कोरोना संक्रमण पर अपने विचार कागज पर उकेरे हैं। इनमें पवन पांडे, अनुजा, करण, देवांश, दीपाली ने कोरोना पर अदभुद चित्रकारी की है।कलर कॉम्बीनेशन पर जोर : ऑनलाइन प्रशिक्षण में कलर कॉम्बीनेशन सहित चित्रकारी में कलर मिक्सिंग बताई जा रही है, जिसमें शेडवर्क शामिल है।
कॉफ्ट की कटिंग : क्रॉफ्ट वर्क में बेहतरीन डिजाइन की कटिंग के टिप्स दिए जा रहे हैं। कटिंग से बचे टुकड़ों का इस्तेमाल करने का तरीका बताया जा रहा है। मूर्तिकला की बारीकी : मूर्तिकला की बारीकियों को स्क्रीन पर टिप्स देकर उकेरा जा रहा है। प्रेक्टिकल तौर पर इसे मोहक रूप देने की विशेषता बताई जा रही है।
लभवन में ये भी है… सृजनात्मक प्रदर्शन- तबला, वाद्ययंत्र संगीत, कंठ संगीत, नृत्य, थियेटर एवं कठपुतलीसृजनात्मक कलाएं- दृश्य कलाएं (डिजाइनिंग, ग्राफिक्स, डिजीटल आटर््स), चित्रकला, मूर्तिकला, शिल्पकला सृजनात्मक लेखन- कविता, कहानी, गद्य, संवाद तथा नाटकसृजनात्मक
वैज्ञानिक नवप्रवर्तन- वैज्ञानिक मॉडल बनाना, वैज्ञानिक परियोजना, विज्ञान की समस्याओं का समाधान करना, वैज्ञानिक नवप्रवर्तन लॉकडाउन में हम 15 बच्चों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं। बच्चों को कला की बारीकियां बताई जा रही है। बच्चों ने कोरोना पर अपने भाव प्रदर्शित किए हैं।
डॉ. रेणु पांडे, प्रशिक्षक, बालभवन बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए रंगकर्म से बड़ा टूल कोई नहीं है। बच्चों की प्रतिभा उभरकर सामने आने से उनमें व्यक्तित्व, आत्मविश्वास मजबूत होता है। लॉकडाउन में मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
गिरीश बिल्लोरे, संचालक, बाल भवन