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नोटा और तीसरे दलों को मिले वोट कर सकते हैं बड़ा उलटफेर
18.18 – लाख मतदाता हैं जिले में
12.62 – लाख ने किया मतदान
22 – प्रत्याशी हैं मैदान में
लोकसभा चुनाव में इस बार दोनों प्रमुख पार्टियों सहित 22 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में लहर के बावजूद करीब एक लाख वोट बसपा, गोंगपा और निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले थे। सात हजार से अधिक लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था। उस समय भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के मिले मतों का अंतर दो लाख से अधिक था।
लेकिन, चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस अंतर को काफी हद तक कम करने में कामयाब रही। दोनों पार्टियों के बीच मतम का अंतर महज 31 हजार रह गया था। इसमें 20 हजार लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था। बसपा, गोंगपा व निर्दलीय प्रत्याशियों को डेढ़ लाख वोट मिले थे। यह आंकड़ा ही दोनों प्रमुख दलों को बेचैन करने वाला है। इस बार भी बसपा सहित अन्य दल के प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट जीत-हार में निर्णायक भूमिका अदा कर सकते हैं।
पिछले वर्षों में मतदान की स्थिति
वर्ष 2014 (लोकसभा चुनाव)
17.10 लाख मतदाता थे जिले में
10.02 लाख ने किया था वोट
15 प्रत्याशी आजमा रहे थे भाग्य
5.64 लाख मत भाजपा को मिले
3.55 लाख वोट कांग्रेस के पक्ष में
्र16 हजार वोट बसपा को
2233 वोट गोंगपा को
32 हजार वोट अन्य दलों को
22 हजार वोट निर्दलीयों को
7888 ने चुना नोटा का विकल्प
2018 विस चुनाव
17.67 लाख मतदाता थे जिले में
12.85 लाख ने किया था वोट
114 प्रत्याशी थे मैदान में
5.67 लाख मत भाजपा को मिले
5.33 लाख वोट कांग्रेस के पक्ष में
29 हजार वोट बसपा को
9436 वोट गोंगपा को
32 हजार वोट अन्य दलों कों
1.12 लाख वोट मिले निर्दलीय को
20921 ने चुना नोटा का विकल्प