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जबलपुर

लोकसभा चुनाव 2019 : यहां अभी भी आरोप-प्रत्यारोप ही मुद्दा है

जबलपुर में आरोप-प्रत्यारोप के मुद्दे ले रहे राष्ट्रीय रंग

जबलपुरApr 20, 2019 / 07:43 pm

shyam bihari

Lok Sabha Election 2019

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जबलपुर। आखिरकार जबलपुर लोकसभा सीट पर भी चुनावी रंगत की कुछ तस्वीरें सामने आने लगी हैं। हालांकि, यह रंगत चुनावी सभाओं के चलते नहीं है। चुनाव प्रचार की किसी खास तस्वीर के चलते भी नहीं है। रंगत है, तो आरोप-प्रत्यारोप से बनने वाली तस्वीर की। यहां दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की ओर से फिलहाल आरोपों की झड़ी लगाई जा रही है। आरोप भी स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर वाले हैं। एक पार्टी की ओर से कहा गया कि शहर में प्रधानमंत्री की सभा नहीं होने देने की साजिश रची जा रही है। दूसरी तरफ से कहा जा रहा है कि भीड़ नहीं जुटा पाने की वजह से बहानेबाजी बनाई जा रही है। एक पार्टी की ओर से कहा गया कि धार्मिक आयोजनों के नाम पर साडिय़ां-चूडिय़ां बांट जा रही रही हैं। दूसरी की तरफ से कहा गया कि जिस नेत्री ने शहीद का अपमान किया, उसे टिकट कैसे दिया गया?
बात आगे तक जा पहुंची
जबलपुर सीट से एक पार्टी ने दूसरे दल के प्रत्याशी पर बड़ा आरोप मढ़ा है। उसकी तरफ से कहा गया कि उसने बहुत पहले बता दिया था कि शहर के बीच स्थित मैदान पर सभी करानी है। लेकिन, सामने वाले प्रत्याशी के दबाव में प्रशासन वह मैदान नहीं देने के बहाने बना रहा है। यहां तक कह दिया गया कि जो प्रशासन और जिम्मेदार पीएम की सभा में सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकते, वे 26 लाख की आबादी के बीच निष्पक्ष चुनाव कैसे करा सकते हैं?
पलटवार भी आया सामने
आरोप-प्रत्यारोप के दौर में जबलपुर की चर्चा दिल्ली तक तो नहीं, लेकिन भोपाल तक खूब हो रही है। जबलपुर शहर के कुछ नेताओं ने भोपाल की एक प्रत्याशी को टिकट मिलने को मुद्दा बना लिया है। उनका कहना है कि शहीद का अपमान किए जाने के मामले में नेत्री पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इन सबके बीच अभी भी आम मतदाता असली चुनावी तस्वीर देखने का इंतजार कर रहा है। लेकिन, अभी तक आरोप-प्रत्यारोप को छोड़ दिया जाए, तो चुनावी तस्वीर के रूप में सिर्फ जिला और पुलिस प्रशासन की सक्रियता ही देखी जा सकती है। इससे चुनावी चर्चाओं को भी बल नहीं मिल रहा। धार्मिक आयोजनों में चुनावी तड़का नहीं लग पा रहा। क्योंकि, वहां चुनाव आयोग की सख्ती असर दिखा रही है।

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