बैठक में भारत कृषक समाज के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने कहा कि किसान आज भी उपेक्षित है। उनकी लागत कहीं ज्यादा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण एक्ट बनाकर हो। कृषि को घाटे का सौदा बनने से रोकना होगा। बीडी अरजरिया ने कृषि उत्पादों के लिए जीएसटी की तर्ज पर एग्रीकल्चर काउंसिल का गठन होना चाहिए। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक के मनीष शर्मा ने कहा कहा कि स्वच्छ राजनीति के लिए पत्रिका ने चेंजमेकर्स अभियान शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने महंगी होती शिक्षा का विषय उठाया। शर्मा ने कहा कि फीस नियंत्रण के लिए राजनीतिक दलों के साथ संस्थाओं को भी आगे आना होगा। समाज सेवी संजय दुल्हानी ने कहा, शत प्रतिशत मतदान से ही अच्छे उम्मीदवार को अवसर प्राप्त होगा। अगर जनता जागरूक हो गई तो सभी वर्गों का ध्यान रखना जनप्रतिनिधियों की मजबूरी होगी। राधेश्याम राय ने शासकीय संस्थाओं की तरह निजी क्षेत्र में कार्य करने वाले को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली इपीएफ पेंशन फिक्स नहीं कर हर छह माह में समीक्षा करने की बात कही। सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे ने पर्यावरण वन्य प्राणियों की सुरक्षा का विषय उठाया। कारोबारी संजय शर्मा ने प्रत्याशियों के पांच साल के एजेंडा को देखकर मतदान करने की बात कहीं। राजनरायण भारद्वाज ने किसान आयोग का गठन करने की बात की। विजय कुमार ने स्वच्छता अभियान एवं अनिल चिल्ले ने स्मार्ट सिटी के कार्यों से जुड़े सुझाव दिए।
चेंजमेकर्स सीमा पचौरी ने कहा कि राजनीतिक दलों को घोषणापत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का विषय शामिल करना चाहिए। आधी आबादी को उनका अधिकारी राजनीतिक दल नहीं दे रहे हैं। समाजसेवी निधि अग्रवाल ने कहा कि जनप्रतिनिधि का विजन अच्छा होगा तो विकास होगा। अधिवक्ता मुक्ता द्विवेदी व दीपा कोष्टा ने मतदान को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाने की बात कहीं।