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जबलपुर

ये देखिए, कॉलेज के नुक्कड़ पर हो रहा ‘मोबाइल जुआ’

पान-चार टपरों के किनारे छात्रों के साथ छात्राएं भी शामिल, मोबाइल के लूडो एप पर लग रहा दावं

जबलपुरFeb 13, 2019 / 08:20 pm

manoj Verma

mobile gambling

gambling on street

जबलपुर । विश्वविद्यालय और शहर के शैक्षणिक संस्थानों के आसपास मौजूद खान पान के स्थानों पर छात्र-छात्राएं मोबाइल पर जुआ खेल रहे हैं। छात्र-छात्राएं मोबाइल ऐप के जरिए दावं लगाकर किस्मत आजमा रहे हैं। स्टिंग में यह सामने आया है कि विवि के समीप चाय टपरे के किनारे कुर्सियों पर विद्यार्थियों का समूह मोबाइल पर खेल में जुटा था। मौके पर जब छानबीन की गई तो यह पाया गया कि लूडो पर पचास रुपए का दावं लगाकर चार विद्यार्थी थे। शेष विद्यार्थी इस खेल का लुफ्त उठा रहे हैं। इस खेल में छात्र ही नहीं बल्कि छात्रा भी मौजूद थी। आधुनिक दौर में समय बदलने के साथ अब ताश पर जुआ खेलने का चलन कम ही नहीं हुआ है बल्कि हाईटेक हो गया है। अब मोबाइल पर जुआ खेला जा रहा है। मोबाइल पर लूडो, सांप-सीढ़ी सहित अन्य खेलों पर दावं लगाया जाता है। दावं लगाने वाले लोग किस्मत आजमाते हैं। खेल का फैसला होने पर वे जीत-हार पर पैसे की लेनदेन कर लेते हैं। इससे होता यह है कि प्रथम दृष्टया देखने पर यही प्रतीत होता है कि लोग मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं, जबकि इस पर पैसा लगाया जा रहा है।
ऐसे होता है खेल
मोबाइल पर ऐप लोड करने के बाद उसे ऑफ लाइन कर दिया जाता है। इस एेप के जरिए खिलाड़ी तैयार किए जाते हैं। खेल के पहले जीत-हार के लिए दावं तय कर लिए जाते हैं। खेल की शर्ते भी तय हो जाती है। इसके बाद खेल के अंत में जीत-हार होते ही चुकारे का लेना-देना होता है। खेल को बीच से छोडऩे वाला व्यक्ति हारा माना जाता है और वह अपने दावं का भुगतान अन्य लोगों को कर देता है।
लड़कियां भी पीछे नहीं
मोबाइल एेप के जरिए जुआ खेलने में अब लड़कियां भी पीछे नहीं है। मोबाइल पर छात्रा भी अन्य सहपाठियों के साथ जुआ खेल रही थी। ये सभी छात्र विवि के आगे चाय के नुक्कड़ पर सड़क के किनारे थे। इस दौरान अन्य छात्र तमाशबीन थे।
मदनमहल में पकड़े गए थे ऑटो चालक
हाल ही में ऑटो के भीतर बैठकर लूडो पर जुआ खेलने वाले ऑटो चालकों का मामला प्रकाश में आया था। पुलिस का मुखबिर सतत नजर जमाए हुआ था। खेल के अंत में चुकारा होते ही पुलिस के जवानों ने छापा मारा था। यह मामला दर्ज नहीं किया गया था बल्कि दस-बीस रुपए के जुए की वजह से पुलिस ने समझाइश देकर छोड़ दिया था।
छात्रों से बातचीत के अंश
क्यों, भाई क्या खेल चल रहा है?
टाइम पास हो रहा है।
अरे ये तो लूडो खेल रहे हो?
हां।
कितनी बोट (दावं) पर खेल रहे हो?

अरे, कहां। हम तो एेसे ही खेल रहे हैं।
अरे क्या बात करते हो, ऐसा हो नहीं सकता है। टी पार्टी के लिए तो खेला ही जा रहा होगा?
आप तो समझते हो, जो जीतेगा वही पेमेंट कर देगा।
आप लोग रोज खेलते हो?
हम ही क्या। यहां तो और भी छात्र हैं, जो रोज खेल रहे हैं।
पुलिस नहीं पकड़ती है क्या?
पुलिस को पता चले तब ना।
मोबाइल पर जुआ खेलने के मामले जल्द सामने नहीं आ पाते हैं। इस खेल में चुकारा आखिर में होता है, जिससे यह पता नहीं चल पाता है कि जुआ खेला जा रहा है। हमारी टीम एेसी जगहों पर नजर रखे हुए है।
राजेश त्रिपाठी, एएसपी (सिटी)
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