scriptsawan 2019 : सावन में थोड़ी सी पूजा से प्रशन्न होकर भगवान शिव भक्त की भर देते हैं झोली | Lord Shiva worship in Sawan, Simple pooja vidhi in hindi | Patrika News
जबलपुर

sawan 2019 : सावन में थोड़ी सी पूजा से प्रशन्न होकर भगवान शिव भक्त की भर देते हैं झोली

सावन में ऐसे करें भगवान शिव को प्रशन्न

जबलपुरJul 17, 2019 / 05:50 pm

tarunendra chauhan

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जबलपुर. भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना बहुत प्रिय है, सावन में भक्त की थोड़ी सी पूजा से प्रशन्न होकर सुख और समृद्धि प्रदान कर देते हैं। वैसे तो भगवान शिव की पूजन विधि बहुत लंबी है, लेकिन संक्षिप्त पूजन विधि से भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं। पूजन के बाद क्षमा याचना अवश्य करनी चाहिए। इससे पूजन में जो भी भूल-चूक रह जाती है उसके लिए आराध्य देव क्षमा प्रदान करते हैं।

सावन मास में पूजन करने वाले भक्त की हर तरह के कष्ट का भोलेनाथ हरण कर सुख, आरोग्य और समृद्धि प्रदान करते हैं। ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव के पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन सावन का हर दिन शिव की आराधना की जाती है। जिन लोगों को पूरे दिन पूजन के लिए समय नहीं मिल पाता है वह माह के सभी सोमवार को पूजन कर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकता है।

ऐसे करें भोलेनाथ का पूजन
सावन माह के किसी दिन खासकर सोमवार को सुबह नित्यक्रिया से निवृत्त होकर तीन दल वाले बिना कटे बिल्व पत्र और साबुत चावल के दाने, तांबे या कांसे के पात्र में जल, हो सके तो गंगा या नर्मदा जल लें। कच्चा दूध और चंदन, धूप लें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ का पूजन शुरू करें। सबसे पहले शिवलिंग को जल या गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद चंदन लगाएं और फिर बिल्व पत्र और मदार, धतूरा और कनेर के पुष्प चढ़ाएं और चावल का अक्षत डालें। पूजन के समय मन ही मन ऊँ नम: शिवाय का जाप करते रहें। सूर्यास्त के बाद शाम को शिवलिंग के पास दीप जलाएं और मूल मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही समय निकालकर शिवपुराण का पाठ करने से भी भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

पूजन के बाद करें क्षमा याचना
संस्कृत का ज्ञान हो तो निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि संस्कृत नहीं आती है तो आप श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ से बोलचाल की भाषा में भी क्षमा याचना कर सकते हैं।

क्षमा मंत्र- अपराधो सहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निषं मया, दासोऽयमिति माम् मत्वा क्षमस्व परमेश्वर। आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर। मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर, यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्तु मे

महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती है पूजन
सावन माह के सोमवार का व्रत सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां श्रेष्ठ पति की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। इस माह में शिवजी को प्रशन्न करने के लिए माह के हर सोमवार को व्रत करना चाहिए। इस व्रत में पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजन करने से भगवान भोलेनाथ प्रशन्न होते हैं।

सावन मास का पौराणिक महत्व
पं विपिन शास्त्र के अनुसार भगवान शिव ने राजा दक्ष को वरदान दिया था कि सावन मास में वह कैलाश पर्वत छोडकऱ देश में स्थापित सभी शिवलिंगमें वास करेंगे। इस दौरान कोई भी श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाएगा तो वह गंगाजल बनकर स्वयं भोले को प्राप्त होगा। इसलिए भगवान शिव को जल प्रिय है। वहीं बिल्व पत्र चढ़ाने से श्रद्धालुओं के दैविक, दैहिक व भौतिक दुखों से निजात मिल जाती है।

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