scripthigh court of MP: तलाक के नौ साल बाद नहीं कर सकते गुजारा-खर्चा का दावा | madhya pradesh high court judgement in hindi for talaq case | Patrika News
जबलपुर

high court of MP: तलाक के नौ साल बाद नहीं कर सकते गुजारा-खर्चा का दावा

हाईकोर्ट ने पत्नी का आवेदन किया निरस्त

जबलपुरDec 28, 2017 / 10:37 pm

deepankar roy

madhya pradesh high court judgement in hindi for talaq case,High Court,MP High Court ,Jabalpur High Court,MP High Court Latest Judgment ,MP High Court Latest Disicion,MP High Court Latest Order for Triple Divorce,Triple talaq,Latest News in Hindi ,Divorce Case ,Wife File Divorce Case Against her Husband ,Indian Railway File Case Against Divorce Case ,Jabalpur,

madhya pradesh high court judgement in hindi for talaq case

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि तलाक के नौ साल बाद पत्नी को गुजारा-भत्ता का दावा करने का अधिकार नहीं है। जस्टिस एसके गंगेले व जस्टिस एके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने कहा है कि आवेदिका ने यह तक नहीं बताया कि उसने बीते छ-सात साल के दौरान भरण-पोषण के लिए कोई आवेदन दिया या नहीं। एकतरफा तलाक की डिक्री के खिलाफ दायर पत्नी की अपील बेंच ने इस मत के साथ खारिज कर दी।

रेलवे कर्मी है पति
नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील निवासी पूना बाई ने २०१५ में यह अपील दायर की थी। इसमें कहा गया कि उसके पति रमेश कु मार कुशवाहा रेलवे में कार्यरत हैं। उसके पति द्वारा नरसिंहपुर जिला अदालत में दायर तलाक का मामला १७ सितंबर 2008 को मंजूर कर अदालत ने एकतरफा तलाक की डिक्री पारित कर दी। मांग की गई कि इस फै सले को निरस्त करते हुए उसे पति से भरण-पोषण के लिए खर्चा दिलाया जाए।

इस तर्क को कोर्ट ने किया खारिज
महिला ने तर्क दिया कि उसे उक्त तलाक के मामले की कोई जानकारी नहीं मिली। रेलवे की ओर से उसकी एक अर्जी के जवाब में 15 अप्रैल 2015 को बताया गया कि उसके पति को निचली अदालत से तलाक मिल चुका है। तब जाकर उसे इस फैसले की जानकारी मिली। लिहाजा अपील में हुआ विलंब क्षमा किए जाने योग्य है।

विलंब से दायर हुई याचिका
कोर्ट ने निर्णय में कहा कि अपील 2358 दिन विलंब से दायर की गई। निचली अदालत ने 16 मई, 2008 को अपीलकर्ता को नोटिस जारी कर तलाक के मामले की सूचना दी थी। लेकिन अपीलकर्ता के हाजिर न होने पर १७ सितंबर, 2008 को कोर्ट ने पति के पक्ष में एकतरफा फैसला दे दिया।

कोई ठोस आधार नहीं
अपीलकर्ता ने यह भी नहीं बताया कि बीते 6-7 साल के दौरान भरण-पोषण के लिए आवेदन दिया या नहीं। इसकी कोई स्पष्ट वजह भी नहीं बताई गई। कोर्ट ने कहा कि उक्त विलंब स्वीकारणीय नहीं है। तलाक के नौ साल बाद बिना किसी ठोस आधार के अपीलकर्ता को गुजारा-भत्ता मांगने का अधिकार नहीं है।

Home / Jabalpur / high court of MP: तलाक के नौ साल बाद नहीं कर सकते गुजारा-खर्चा का दावा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो