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जबलपुर

#magnificent mp : उद्योगों के लिए जमीन की तलाश पूरी, इस शहर से भूमि वापस लेने की प्रक्रिया शुरू

8 हजार हेक्टेयर नारंगी भूमि ली जाएगी वापस

जबलपुरNov 12, 2019 / 06:44 pm

reetesh pyasi

Forest land

Forest land

जबलपुर। जिला प्रशासन को वन विभाग से अलग-अलग तहसीलों में 8 हजार हेक्टेयर से ज्यादा नारंगी भूमि की सूची मिली है। इसे चिन्हित कर वापिस लेने की प्रक्रिया राजस्व विभाग शुरू कर रहा है। इसमें 50 से लेकर 100 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल के बड़े चक शामिल हैं। इनका इस्तेमाल किसी बड़े उद्योग की स्थापना से लेकर शासकीय योजनाओं कि क्रियान्वयन में किया जा सकता है। इस भूमि पर वन भी नही लगाए जा रहे हैं। कई जगह कब्जे भी हैं।
वन विभाग ने डी नोटिफाइड किया
वन विभाग के पास राजस्व विभाग की करीब 14 हजार हेक्टेयर नारंगी भूमि है जिसे उसने डी नोटिफाइड कर दिया था। लेकिन इसे राजस्व विभाग को वापिस नहीं दिया। इसी प्रकार विभाग ने भी कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। अब इस जमीन को प्रशासन वन विभाग से वापिस ले रहा है। इस बात की जांच भी की जा रही है कि वन विभाग ने इसका पजेशन क्यों नहीं दिया। प्रशासन ने सभी तहसीलों के तहसीदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन की जांच करने के लिए कहा है। अभी तक किसी तहसील से कोई पुख्ता जानकारी नहीं आई है।
ऐसे सामने आया है मामला
14 हजार हेक्टेयर से ज्यादा नारंगी भूमि को वन विभाग ने अपने वर्र्किंग प्लान में शामिल किया था। लेकिन 1959 और 1972 में इसमें से अधिकांश भूमि को डी नोटिफाइड कर दिया था। यानि इस भूमि को वन से बाहर कर दिया गया था। फिर इस भूमि को राजस्व विभाग को देने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन इसका पजेशन नहीं दिया गया। इसलिए यह भूमि अभी तक वन के पास है। इसे राजस्व विभाग ने भी वापिस नहीं लिया। वन विभाग ने कुछ समय पहले एक सूची दी है जिसमें करीब 8 हजार हेक्टेयर नारंगी भूमि को डी-नोटिफाइड होना बताया गया है। बांकी करीब छह हजार हेक्टेयर भूमि वन विभाग अपने पास रखे हुए है। सूत्रों का कहना है कि बड़ी बात यह है कि डी नोटिफाइड होने के बाद भी वन विभाग ने इस भूमि पर वन लगाने के लिए अपने आगामी वर्र्किंग प्लान में शामिल कर लिया। लेकिन वन मंत्रालय के पास प्लान स्वीकृति के लिए गया तो प्रदेश शासन की सहमति के साथ ही दूसरे कारणों से इसे मंजूरी नहीं दी गई। जब अप्रूवल के लिए जब जिला प्रशासन के पास मामला आया तो फिर इसकी छानबीन शुरू हुई।
वन विभाग द्वारा डी नोटिफाइड की गई नारंगी भूमि को राजस्व विभाग के मद में हस्तांतरित किया जाएगा। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
भरत यादव, कलेक्टर

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