news facts-
बंजारों की पूज्य महाकाली की पूजा से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
स्थापित है 500 वर्ष पुरानी प्रतिमा
पसीना निकला तो लगवा दिया एसी
भक्तों द्वारा माता को स्नान आदि करवाया जाता है, जब वे गीली हो जाती हैं, लेकिन कई साल पहले कुछ भक्तों की नजर पड़ी की माता को बिना स्नान कराए भी पसीना निकलता है। तो उन्होंने गर्भगृह में एसी लगवाने का विचार किया। ताकि माता को गर्मी न लगे। आज भी जब एसी बंद हो जाता है तो माता के चेहरे पर पानी की बूंदें देखी जा सकती हैं। ये माता महाकाली एसी वाली माता के नाम से भी प्रसिद्ध हो गई हैं। आस्थावान भक्तों ने भगवती के गर्भगृह में एयरकंडीशन लगवाया है। मंदिर में प्राचीन प्रतिमाएं व परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराना पीपल का वृक्ष है।
हर दिन विशेष श्रृंगार
नवरात्र ही नहीं बल्कि अन्य दिनों में भी महाकाली का श्रृंगार, अभिषेक नित्य किया जाता है। रविवार को लाल, सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नीला व शनिवार को काले रंग का श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में 24 घंटे अखंड ज्योति जलती है।
विदेशी भक्तों ने कराया अनुष्ठान
पुजारी प्रवीण तिवारी ने बताया, नवरात्र में विदेश में रहने वाले भक्तों ने अनुष्ठान कराया है। उनके नाम व गोत्र के अनुसार शक्ति की आराधना की जा रही है। सात समंदर पार मौजूद भक्तों के अनुष्ठान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किए जा रहे हैं। नवरात्र में ऐसे भक्त गाजे-बाजे के साथ पहुंच रहे हैं, जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो गई हैं।