दरअसल करोड़ों की काली कमाई से आलीशान बंगला बनाने वाले क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) संतोष पॉल के बंगले में ईओडब्ल्यू के छापे में जीने के शाही अंदाज का राज खुला है। जबलपुर शहर के पॉश इलाके शताब्दीपुरम में 10 हजार वर्गफीट के प्लॉट पर पॉल ने तीन मंजिला बंगले में मल्टीप्लेक्स जैसा मिनी थियेटर बना रखा था।
वहीं, स्वीमिंग पूल से लेकर लिफ्ट तक की सुविधा मिली है। आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले की तस्दीक के बाद ईओडब्ल्यू ने बुधवार की रात आरटीओ पॉल के ठिकाने पर छापे की कार्रवाई की थी। गुरुवार को जांच में घर पर 16 लाख नकद और 1 किलो से अधिक ज्वेलरी मिली। बंगले की सजावट किसी शाही कोठी से कम नहीं है। विदेशी शराब रखने वुडन केस सहित कई अनोखी चीजें हैं।
कई संपत्तियों के दस्तावेज मिले
सूत्रों ने बताया कि अभी तक ईओडब्ल्यू की जांच में जो जानकारी सामने आई है, वह पॉल दंपती की काली कमाई का बहुत छोटा हिस्सा है। कोर्ट में लगाई गई याचिका में 87 बेशकीमती जमीनों के खरीद-फरोख्त के आरोप हलफनामा के साथ याचिकाकर्ता ने लगाए गए थे।
इसके अलावा उनके निवेश व बेनामी संपत्ति का ब्यौरा भी याचिका में दिया गया था। यह भी बताया गया था कि पॉल दंपती ने परिचितों, रिश्तेदारों व करीबियों के नाम पर बड़ा निवेश कर रखा है। ईओडब्ल्यू की टीम इसका पता लगा रही है।
सामान हटाने का शक
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को आरटीओ की संपत्ति की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। तभी से टीम जानकारी जुटा रही थी। इसी दौरान छापे की बनी रणनीति लीक होने का अंदेशा है। जिसके चलते पॉल दंपती कीमती सामान ठिकाने लगाने में कामयाब रहे।
डेढ़ करोड़ की कार!- आरटीओ संतोष पॉल का विवादों से गहरा नाता है। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जबलपुर के दौरे के दौरान वे डेढ़ करोड़ की कार से बैठक में पहुंचे थे। इस पर राजपूत ने उन पर तंज भी कसा था कि वे पद अनुरूप वाहन का इस्तेमाल किया करें। उसके बाद यह रहस्य ही रहा कि वह कार किसकी थी। कच्ची रसीदों से चालान करने पर भी वे सुर्खियों में रहे।