जबलपुर

world population day – इस सबसे बड़े शहर में सभी के लिए घर, चार साल में कायापलट !

सबसे बड़ा शहर

जबलपुरJul 11, 2018 / 08:53 am

deepak deewan

world population day

जबलपुर. जबलपुर शुरु से ही महाकौशल क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। अब शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है। नर्मदा बेसिन के संतुलित क्लाइमेट के साथ ही शहर महाकोशल का व्यापारिक केंद्र व रेल और हवाई यातायात के लिए टर्मिनल प्वॉइंट है। आसपास के जिलों व ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर बड़ी संख्या में लोग यहां आ रहे हैं। शहर विस्तार ले रहा है और नगर की परिधि अगले एक दशक में बढकऱ 60 किमी हो जाएगी।

सडक़ों पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में शहर को नई एमआर, एसआर सडक़ें व फ्लाइओवर चाहिए। जिम्मेदार एजेंसी नगर निगम, जेडीए के इस दिशा में प्रयास नाकाफी हैं। बॉटलनेक बनाती संकरी सडक़ और पुलों से शहर उबर नहीं पा रहा है। यातायात व्यवस्था दम तोड़ रही है। सार्वजनिक यातायात के नाम पर गिनती की मेट्रो बस संचालित हैं। एक अनुमान के अनुसार 2030 में शहर की आबादी 20 लाख व जिले की जनसंख्या करीब 32 लाख के लगभग हो जाएगी। उस अनुपात में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं हो रहा। बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए जबलपुर में मेट्रो ट्रेन व लोकल ट्रेन चलाना आवश्यक है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ाने होंगे।

हर व्यक्ति को आवास के लिए कर रहे प्रयास
ननि महापौर स्वाति गोडबोले बताती हैं कि ननि भविष्य को देखते हुए आवश्क कार्रवाई कर रहा है। पानी की जरूरतों के लिए नई टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है। 2020 तक हर व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने के लिए भी निगम पहल कर रहा है। भविष्य में बढऩे वाली जरूरतों को देखते हुए निगम प्लान तैयार कर क्रियान्वित करेगा। स्वास्थ्य राज्यमंत्री शरद जैन के अनुसार बढ़ती आबादी के मद्देनजर नगर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हों इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। शिक्षा, आवास, यातायात व्यवस्था को महानगर के अनुरूप बनाने केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। संसाधनों की उपलब्धता और बेहतर हो इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

कलेक्टर छवि भारद्वाज कहती हैं कि नगरीय सीमा सहित जिले भर में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कार्य को गति मिले इसके लिए सभी विभागों की संयुक्त बैठक कर समय-समय पर समीक्षा करेंगे। ताकि, कोई भी प्रोजेक्ट शासन-प्रशासन के स्तर पर अनावश्यक लंबित न रहे और जिले में तेजी से विकास कार्य हो।

मैट्रो और लोकल ट्रेन की दरकार
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा बताते हैं कि – जेडीए, नगर निगम, टीएंडसीपी, शिक्षण संस्थाएंं अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर रही हैं। यही वजह है कि विकास के लिहाज से जबलपुर पिछड़ता जा रहा है। शहर की यातायात व्यवस्था दम तोड़ रही है, सभी के आवास की व्यवस्था नहीं हो पा रही। रोजगार के अवसर नहीं हैं, युवा प्रतिभाएं पलायन कर रही हैं। 2030 की आवश्यकताओं के मद्देनजर आवश्यक इंफ्र ास्ट्रक्चर विकसित करने के साथ ही नगर के संतुलित विकास के लिए काम करना होगा।
प्रेक्टिसिंग इंजीनियर एसोसिएशन सचिव इंजीनियर, संजय वर्मा कहते हैं कि – जनसंख्या बढऩे के साथ ही संसाधनों की आवश्यकता भी बढ़ रही है, लेकिन उस अनुपात में इंफ्र ास्ट्रक्चर का विकास नहीं हो रहा है। 2030 मेंं जबलपुर की आबादी महानगर की तरह हो जाएगी। ऐसे में आवास की आवश्यकता बढ़ेगी। सडक़ों पर यातायात का दबाव और ज्यादा बढ़ जाएगा। बॉटल नेक बनाती संकरी सडक़ें व पुल अभी भी बड़ी समस्या है। नए फ्लाईओवर बनाने के साथ ही सार्वजनिक यातायात की व्यवस्था को बेहतर करने मेट्रो ट्रेन या लोकल ट्रेन चलाना होगी।

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