पिछले साल 15 जून को आया था मानसून
वर्ष : मानसून का प्रवेश
2011 : 20 जून
2012 : 20 जून
2013 : 11 जून
2014 : 19 जून
2015 : 25 जून
2016 : 19 जून
2017 : 17 जून
2018 : 24 जून
2019 : 28 जून
2020 : 15 जून
प्रभावों की त्रिवेणी से मौसम में परिवर्तन
अधारताल स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र में वैज्ञानिक सहायक देवेन्द्र कुमार तिवारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात शुक्रवार तक बनने का अनुमान है। अरब सागर की ओर से नमी भरी हवा आने से बादल बन रहे हैं। पंजाब से मध्यप्रदेश होते हुए पश्चिम बंगाल तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इन सिस्टम के प्रभाव से मौसम में परिवर्तन आया है। आने वाले तीन दिन तक तेज हवा और गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। मानसून प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से तक पहुंच चुका है। एक-दो दिन में पूर्वी मध्यप्रदेश में मानसून के प्रवेश की सम्भावना है।
सुबह तक झड़ी, दोपहर में बादल
शहर में बुधवार की देर रात को 30-40 किमी प्रतिघंटा की औसत गति से चली तेज हवा चली। गरज-चमक के साथ बादल बरसना शुरू हुए तो गुरुवार की सुबह तक रुक-रुक कर झड़ी लगाई रखी। सुबह तक पूरा शहर तर हो गया। काले बादल पूर्वान्ह तक छाए रहे। इससे पारा पांच डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। दोपहर में कुछ देर के लिए आसमान साफ हुआ तो हल्की धूप खिली। फिर बादल आए और शाम ढलने के साथ जल्दी अंधेरा हो गया। मेघ की मेहरबानी के कारण गर्मी से राहत रही। दिन में नमी भरी हवा आयीं। और फिर शाम से शीतल हवा के झौंके आने लगे। इससे रात को मौसम राहत भरा रही बना रहा।
अब तक प्री मानूसनी बारिश
– 21.8 मिमी वर्षा बुधवार से गुरुवार बीच रेकॉर्ड हुई है।
– 51.9 मिमी कुल वर्षा अभी तक इस सीजन में दर्ज है।
– 38.7 मिमी कुल वर्षा पिछले वर्ष 10 जून तक हुई थी।
तापमान में उतार-चढ़ाव
तिथि : अधिकतम : न्यूनतम
10 जून, 2021 : 28.8 : 22.5
10 जून, 2020 : 39.4 : 38.7
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
जिले में 1-10 जून में बारिश
– 1.9 मिमी औसत वर्षा पिछले वर्ष दर्ज हुई थी।
– 51.9 मिमी औसत वर्षा इस वर्ष रेकॉर्ड हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश
बरगी – 109.3 मिमी
बरेला – 44.2 मिमी
पनागर – 84.1 मिमी
कुंडम – 72 मिमी
पाटन – 30.4 मिमी
शहपुरा मेंं 22.4 मिमी
सिहोरा – 36.2 मिमी
मझौली – 16.6 मिमी