पानी उतरा और फिर डूब गए तट-
मानूसनी monsoon बादल इस बार रुक-रुक बरसें। लेकिन जब भी सक्रिय हुए तो झमाझम बारिश rainfall हुई। तेज बारिश rainfall से जलभराव के कारण सात साल बाद बरगी बांध के 21 गेट एक साथ खोलने पड़े। इसके अलावा भी कई बार तेज बारिश rainfall हुई और कई-कई दिन बांध के 12 से 17 गेट खुल रह़े। इससे नर्मदा Narmada तट पर जल स्तर पर सामान्य से ज्यादा बना रहा। ग्वारीघाट gwarighat सहित अन्य तटों पर सीढिय़ां कई बार डूबी। पानी उतरने पर घाटों की बदहाली भी सामने आयी। सफाई और सुधार की योजना बनाते ही घाट दोबारा डूब गए। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार मानसनी सीजन monsoon season में 32 दिन से ज्यादा समय तक घाट डूबे हुए हैं।
यह रही स्थिति
– 32 दिन से ज्यादा समय तक इस साल ग्वारीघाट gwarighat की सीढिय़ां डूबी हुई हैं।
– 07 साल बाद ऐसी स्थिति। इससे पहले वर्ष 2011 और 2005 में डूबीं थीं।
– 13 दिनों तक लगातार 6 सितम्बर, 2019 से ग्वारीघाट की सीढिय़ां पूरा डूबी रही।
– 21 गेट इस साल 5 सितम्बर से पहले वर्ष 2011 में ज्यादा बारिश rainfall पर खुले थे।
– 64.5 इंच वर्षा इस साल अभी तक मानसूनी सीजन monsoon season में हो चुकी है।
सुबह खिली धूप, दोपहर को झमाझम बारिश-
मानूसनी monsoon सिस्टम के सक्रिय होने से सोमवार को शहर को झमाझम पानी की एक और किस्त मिली। शहर में सोमवार को सुबह से आसमान साफ था। कुछ समय के लिए धूप भी खिली। उमस का अहसास होने लगा। लेकिन कुछ ही देर में काले बादल आसमान में फिर छा गए। दोपहर के समय झमाझम बारिश हुई। करीब आधे घंटे में ही 16 मिमी पानी बरस rainfall गया। इसके साथ ही सीजन में बारिश rainfall का आंकड़ा बढ़कर 1637.6 मिमी (64.5 इंच) हो गया है। सोमवार को औपचारिक रुप से मानूसनी सीजन monsoon season का अंतिम दिन था। लेकिन इस वर्ष देर से आया मानूसन monsoon देर तक सक्रिय है। मानसूनी सीजन की विदाई एक पखवाड़े बाद ही अनुमानित है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 31 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया है। न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री था। आद्र्रता सुबह के समय 84 और शाम को 79 प्रतिशत थीं। पश्चिमी हवा चार किमी प्रतिघंटे की औसत गति से चलीं। मंगलवार को संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा rainfall या गरज चमक के साथ बौछार पडऩे की सम्भावना है।